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शहीद विवेक पांडेय को नम आँखों से दी गई अंतिम विदाई

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ लेह लद्दाख के सड़क हादसे में घायल हुए सतना के जवान विवेक पांडेय को हजारों नम आंखों ने शनिवार को अंतिम विदाई दी। ससम्मान उनका अंतिम संस्कार गृह ग्राम करही कला में हुआ। अपने वीर सपूत के अंतिम दर्शन करने जन सैलाब उमड़ पड़ा। कोटर तहसील अंतर्गत ग्राम करही कला निवासी भारतीय सेना के जवान विवेक पांडेय (26) पिता राम लखन पांडेय का 19 अगस्त को लेह लद्दाख के कियारी के पास हुए हादसे में घायल होने के बाद इलाज के दौरान निधन हो गया। उन्हें इलाज के लिये दिल्ली लाया गया था जहां विवेक ने गुरुवार को अंतिम सांस ले ली। सेना वाहन के घाटी से फिसल कर 60 फुट गहरी खाई में गिरने से 9 जवान पहले ही दिवंगत हो चुके हैं।

उनका पार्थिव शरीर विशेष वाहन से शनिवार की सुबह दिल्ली से उनके गृह ग्राम करही कला लाया गया। गृह ग्राम करही कला में अपने वीर सपूत के अंतिम दर्शन करने जन सैलाब उमड़ पड़ा। विधायक रामपुर विक्रम सिंह विक्की, कांग्रेस नेता राम शंकर पयासी,मंडल अध्यक्ष राम कृष्ण तिवारी समेत सैकड़ो लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। करही के लाल को मुखाग्नि उनके बड़े भाई आशीष पांडेय ने दी।

6 माह पहले जॉइन की थी सेना,दिसम्बर में होनी थी शादी

विवेक के पिता रामलखन पांडेय कर्नाटक में रहते हैं और पूजा पाठ करते हैं। मां रुक्मिणी पांडेय गृहिणी हैं। विवेक की दो बहनों की शादी हो चुकी है जबकि बड़े भाई आशीष खेती किसानी का काम देखते हैं। विवेक ने 6 वर्ष पहले आर्मी जॉइन की थी। वे मेडिकल कोर में थे। विवेक का चचेरा भाई इंद्रमणि पांडेय भी फौज में है और फिलहाल साउथ अफ्रीका में ड्यूटी पर है। उनकी शादी दिसंबर में होनी थी। एक महीने पहले ही विवेक घर आए थे। परिजनों ने बताया कि हादसे वाले दिन विवेक ने फोन पर मां और बड़े भाई से बात भी की थी।

बेटे का शव देखते ही चीख पड़ी मां

उनकी तबियत खराब थी लिहाजा उन्हें सिर्फ यही बताया गया था कि विवेक हादसे में घायल हुए हैं। अंतिम संस्कार की तैयारियां भी उनसे छिपा कर की जा रहीं थीं। टेंट वगैरह का सामान भी दूसरी जगह रखवाया गया था। शनिवार की सुबह जब पार्थिव शरीर करही कला पहुंचा तो बेटे का शव देख कर रुक्मणि चीख पड़ीं। वे शव से लिपट लिपट रोती – बिलखती रहीं। घर- गांव की महिलाएं उन्हें ढांढस बंधाती रहीं। उधर,पिता रामलखन भी सूचना मिलने पर शनिवार की सुबह ही करही पहुंचे। रो- रो कर उनका भी हाल बुरा था।

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