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No Confidence Motion: अमित शाह ने मणिपुर मुद्दे पर दिया जवाब, ‘पहले दिन से चर्चा के लिए था तैयार’

National no confidence motion debate day 2 in parliament during monsson session know all updates: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ संसद के मानसून सत्र में आज दूसरे दिन भी मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जमकर बहस हुई। बुधवार को बहस की शुरुआत राहुल गांधी के भाषण से हुई थी और शाम को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उनके तमाम आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जनता को सरकार पर पूरा भरोसा है। कहीं पर कोई अविश्वास नहीं है। न तो लोगों को और न ही सदन को सरकार पर अविश्वास है। उन्होंने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ भ्रम पैदा करने के लिए लाया गया है। राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि इस सदन में एक ऐसे नेता हैं जिन्हें 13 बार लॉन्च किया गया और 13 ही बार विफल रहे।

मणिपुर के मुद्दे पर दिया जवाब

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में हिंसा के कारणों और राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर विस्तृत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मणिपुर में हमारी सरकार के पिछले छह वर्षों के दौरान कर्फ्यू की आवश्यकता कभी नहीं पड़ी। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। मैं मैतेई और कुकी दोनों समुदायों से बातचीत में शामिल होने की अपील करता हूं, हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम राज्य में शांति लाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं पहले दिन से ही मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार था लेकिन विपक्ष कभी चर्चा नहीं करना चाहता था।

गृहमंत्री के बयान की अहम बातें

  • आजादी के बाद पीएम मोदी की सरकार ही ऐसी है जिसने सबसे ज्यादा लोगों का भरोसा जीता। पीएम मोदी जनता के बीच सबसे लोकप्रिय नेता हैं। पीएम मोदी देश की जनता के लिए अथक प्रयास करते हैं। वह बिना एक भी छुट्टी लिए दिन में लगातार 17 घंटे काम करते हैं। लोग उन पर भरोसा करते हैं।
  • पीएम मोदी सरकार ने कुछ ऐतिहासिक फैसले लिए और वंशवाद एवं भ्रष्टाचार को खत्म किया। यूपीए का चरित्र सत्ता की रक्षा करना है, लेकिन एनडीए सिद्धांत की रक्षा के लिए लड़ता है।
  • वे (यूपीए) कहते रहते हैं कि वे किसानों का कर्ज माफ कर देंगे। हम सिर्फ कर्ज माफ करने में विश्वास नहीं रखते, बल्कि ऐसी व्यवस्था बनाने में विश्वास रखते हैं, जहां किसी को कर्ज लेना ही न पड़े। हमने किसानों को मुफ्त की रेवड़ियां नहीं बांटी, बल्कि हमने उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है।
  • यह समझना होगा कि वे (UPA) जनधन योजना का विरोध क्यों कर रहे थे? पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि जब केंद्र से 1 रुपया भेजा जाता है, तो लाभार्थी तक केवल 15 पैसे ही पहुंचते हैं… लेकिन आज, आज पूरी राशि गरीबों तक पहुंचती है।

फारुख अब्दुल्ला ने उठाया कश्मीर का मुद्दा

संसद के मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने लोकसभा में सांप्रदायिकता और कश्मीर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हमें इस राष्ट्र का हिस्सा होने पर गर्व है। लेकिन इस राष्ट्र की जिम्मेदारी न केवल हिंदुओं के प्रति है, बल्कि भारत में रहने वाले हर व्यक्ति के प्रति है। प्रधानमंत्री केवल एक रंग का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, वह भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। आप (केंद्र) पिछले 10 वर्षों में कितने कश्मीरी पंडितों को वापस लाए हैं? उन्होंने ये भी कहा कि यह मत कहो कि हम भारत का हिस्सा नहीं हैं। हम इस राष्ट्र का हिस्सा हैं।

गृह राज्य मंत्री ने दिया जवाब

केन्द्र सरकार की ओर से गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इसका जवाब देते हुए कहा कि यह कहना कि इस सरकार ने कश्मीरी पंडित हिंदुओं के लिए कुछ नहीं किया तो यह गलत है। बता दें कि शाम को गृहमंत्री अमित शाह भी चर्चा में शामिल होनेवाला है। 10 अगस्त को प्रस्ताव पर चर्चा का तीसरा और आखिरी दिन रहेगा। उस दिन शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहस पर जवाब देंगे। इसके बाद इस प्रस्ताव पर वोटिंग होगी।

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