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MP: चिकित्सा व्यवस्था की आत्मा हैं डॉक्टर-मुख्यमंत्री श्री चौहान

  • डॉक्टर की उपस्थिति और सक्रियता से ही बनता है निरोगधाम
  • शासकीय चिकित्सा व्यवस्था लगातार हो रही है उन्नत
  • मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेज सतना के नव-नियुक्त चिकित्सा शिक्षकों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए


    भोपाल/सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि डॉक्टर, चिकित्सा व्यवस्था की आत्मा हैं। अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों जैसी चिकित्सा अधो-संरचना का संचालन चिकित्सकों से ही संभव है। उनकी उपस्थिति और सक्रियता से ही कोई स्थान निरोगधाम बन जाता है। डॉक्टर का कार्य का एक मिशन के समान है। वे मरीज का दर्द दूर करने में अपने दिन-रात खपा देते हैं। उनके द्वारा किये गये अथक परिश्रम से ही वे भगवान के समान दर्जा पाते हैं।
     मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास कार्यालय स्थित समत्व भवन में मेडिकल कॉलेज सतना के नव-नियुक्त चिकित्सा शिक्षकों को नियुक्ति-पत्र प्रदान कर संवाद कर रहे थे। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा श्री मोहम्मद सुलेमान तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 35 नव नियुक्त चिकित्सा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए।

नव नियुक्त चिकित्सा शिक्षक, लोगों को स्वस्थ भी करेंगें और शिक्षा देने का कार्य भी करेंगे

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी संस्कृति में निरोगी काया को उत्तम सुख माना गया है। लोग स्वस्थ्य रहें, इसमें चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। नव नियुक्त चिकित्सा शिक्षक, लोगों को स्वस्थ भी करेंगे और शिक्षा देने का कार्य भी करेंगे। आप सब प्रदेश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसलिये दायित्व ग्रहण करने से पहले आपको संवाद के लिए आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चिकित्सा संस्थानों का लगातार विस्तार हो रहा है। वर्ष 1965 के बाद प्रदेश में मेडिकल कॉलेज वर्ष 2006 में सागर में आरंभ किया गया। प्रदेश में जनसंख्या के अनुपात में डॉक्टरों की संख्या बहुत कम है। प्रदेश में चिकित्सा अधो-संरचना के विस्तार के साथ चिकित्सकों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। दवाओं और उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध है। शासकीय चिकित्सा व्यवस्था लगातार उन्नत हो रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमने तय किया है कि प्रदेश में मेडिकल की पढा़ई में भाषा को बाधा नहीं बनने देंगे, जो विद्यार्थी हिन्दी माध्यम से मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं, वे हिन्दी में अध्ययन कर सकते हैं।

चिकित्सा शिक्षकों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में प्रदेश स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में उत्तरोत्तर प्रगति कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जब पदभार ग्रहण किया था, तब प्रदेश में केवल 5 चिकित्सा महाविद्यालय थे, जो अब बढ़ कर 14 हो गए हैं। प्रदेश में 12 प्रायवेट मेडिकल कॉलेज हैं और लगभग 10 मेडिकल कॉलेज प्रक्रिया में है। श्री सारंग ने नव नियुक्त चिकित्सा शिक्षकों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

मुख्यमंत्री ने चिरौंजी बेचकर आत्मनिर्भर बन रहे निपनिया के जनजातीय समाज की उद्यमिता को सराहा
चिरौंजी की बिक्री को व्यावसायिक तौर पर और अधिक मजबूत बनाने दिए दो लाख रुपए

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को बड़गांव में आयोजित रोड शो के दौरान वनोपज चिरौंजी बेचकर आत्मनिर्भर बन रहे निपनिया और केवलारी गाँव के जनजाति समाज से भेंट की। मुख्यमंत्री ने जनजातियों द्वारा किए जा रहे चिरौंजी की बिक्री के कार्य के व्यावसायिक रूप से और अधिक सक्षम और सुदृढ़ बनाने के लिए दो लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की। जनजातीय समाज ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को चिरौंजी का पैकेट उपहार स्वरूप प्रदान किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जनजातीय समाज को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की दिशा में उठाए गए प्रयासों के लिए जिला प्रशासन की सराहना की। मुख्यमंत्री से रोड शो के दौरान मिले निपनिया और केवलारी के जनजातीय समाज ने बताया कि कृषि विभाग की आत्मा परियोजना की मदद से रानी दुर्गावती बहुउद्देशीय सहकारी समिति का गठन कर चिरौंजी प्रसंस्करण की इकाई स्थापित करने के बाद उन्हें चिरौंजी की अच्छी कीमत मिलना शुरू हुई। मुख्यमंत्री यह सुनकर बेहद खुश हुए। उन्होंने समिति के सदस्य महेश सिंह और मदन उरेती से बात कर अचार की गुठलियों से चिरौंजी निकालने तक की पूरी प्रक्रिया की जानकारी ली।
      जनजातीय बंधुओं ने मुख्यमंत्री को चर्चा के दौरान बताया कि प्रसंस्करण यूनिट लगने के पहले तक व्यापारी और साहूकार उनसे मात्र 100 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से चिरौंजी खरीदते थे और खुद चिरौंजी को खुले बाजार में बेचकर मोटा मुनाफा कमाते थे। लेकिन अब वे खुद चिरौंजी की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग करते हैं और सौ ग्राम चिरौंजी 180 रूपए में बेचते हैं। मुख्यमंत्री ने जनजातीय वर्ग के आर्थिक उत्थान के लिये प्रशासन द्वारा किए गए प्रयासों की भी प्रशंसा की।
      जिले के बहोरीबंद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले निपानिया और केवलारी ग्राम के करीब 400 जनजातीय परिवार आस-पास के वन में लगे अचार वृक्ष से चिरौंजी की गुठलियों को तोड़कर वर्षों औने-पौने दामों में व्यापारियों को बेचते रहे हैं। व्यापारी भी उनके भोलेपन का फायदा उठाकर उन्हें बहला-फुसलाकर, इनसे महंगी चिरौंजी को मात्र सौ रुपए प्रति किलो ग्राम की सस्ती कीमत में खरीदकर खुद खुले बाजार में बेचकर मोटा मुनाफा कमाते थे। लेकिन अब हालात बदल गए हैं, जनजातियों ने प्रशासन की मदद से समिति बनाकर खुद की प्रसंस्करण इकाई लगाई और अब खुद चिरौंजी की पैकेजिंग और बिक्री कर आमदनी अर्जित कर रहे हैं।

हेपेटाइटिस से बचाव के उपायों के बारे में जागरूकता जरूरी-मुख्यमंत्री श्री चौहान

विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर प्रदेशवासियों से की अपील

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हेपेटाइटिस बीमारी के कारणों और इससे बचाव के उपायों के बारे में जागरूकता जरूरी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर सोशल मीडिया पर जारी अपने संदेश में कहा कि हेपेटाइटिस, संक्रामक रक्त, दूषित भोजन या पानी के कारण होने वाला जानलेवा रोग है। समय पर रोग की जाँच और उपचार से अमूल्य जीवन बचाया जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों से विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर इस बीमारी के कारण और रोकथाम के उपायों के बारे में स्वयं के साथ दूसरों को भी जागरूक करने का संकल्प लेने की अपील की है।

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