school reopen: digi desk/BHN/भोपाल कोरोना काल में दस माह बाद शुक्रवार से स्कूलों में फ‍िर चहल-पहल नजर आई। कुछ सरकारी स्कूलों में दो पाली में कक्षाएं लगाई गईं। निजी स्कूलों में बच्चों की संख्या अपेक्षाकृत कम थी। बस की सुविधा ना होने के कारण निजी स्कूलों में अधिकांश अभिभावकों ने स्कूल नहीं भेजा। वहीं सरकारी स्कूलों में सुबह साढ़े नौ बजे से कक्षाएं संचालित हुई।

बता दें, कि शासन ने प्रदेश के सभी निजी व सरकारी स्कूलों में दसवीं व बारहवीं की नियमित कक्षाएं शुक्रवार से शुरू करने के आदेश दिए थे। इसमें अभिभावकों की सहमति से बच्चे स्कूल आए। दस माह बाद अपने दोस्‍तों को देखकर विद्यार्थी खुश नजर आए। सभी स्कूलों में ऑनलाइन व ऑफलाइन पैरेंट्स-टीचर्स मीटिंग का आयोजन किया गया। सभी स्कूलों में 20 से 30 फीसद अभिभावकों ने शिक्षकों से बच्चों के बारे में जानकारी ली। वहीं अन्य अभिभावक ऑनलाइन मीटिंग में शामिल हुए।

ऑनलाइन व ऑफलाइन कक्षाएं लगीं

सुभाष उत्कृष्ट शासकीय उमावि में सुबह 10.30 बजे से दोपहर 12 बजे तक बारहवीं की कक्षाएं संचालित हुई। दो कक्ष में विद्यार्थी पढ़ाई करते नजर आए। पहली कक्षा में शिक्षक अर्पणा नारोलिया ने कॉमर्स की कक्षा ली। क्लास में करीब 20 विद्यार्थी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि बच्चों से मिलकर काफी खुशी हुई। वहीं, दूसरे क्लास में संस्कृत की शिक्षक डॉ मंगलम् ने विद्यार्थियों को पढ़ाया। उनकी क्लास में सिर्फ 3 विद्यार्थी शामिल हुए। स्कूल में दोपहर 12 बजे से दूसरी पाली में दसवीं के विद्यार्थियों को बुलाया गया था। छात्रा महिमा सेंगर ने कहा कि स्कूल आने के लिए बहुत उत्साहित थी। कक्षा में बैठकर पढ़ाई करने में अच्छा लग रहा है। प्राचार्य सुधाकर पाराशर ने कहा कि जितने विद्यार्थी आ रहे हैं, उनके लिए कोरोना से सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए है। सभी कक्षाओं में ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों प्रकार की कक्षाएं चल रही है।

मॉडल हायर सेकंडरी स्कूल में भी नियमित कक्षाएं शुरू हुईं। साथ ही ऑनलाइन कक्षाओं के लिए यू-ट्यूब पर ऑनलाइन लाइव इंटरेक्टिव कक्षाएं भी संचालित की गईं। करीब 100 से अधिक विद्यार्थी स्कूल पहुंचे और कक्षाओं में पढ़ाई की। सुबह 9.30 बजे से दसवीं व बारहवीं की कक्षाएं शुरू हुई।

बैठक में शामिल हुए अभिभावक

शहर के सरोजनी नायडू कन्या उमावि में राज्य ओपन स्कूल की दो पाली में परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। इस कारण बच्चों की ऑफलाइन कक्षाएं नहीं लग पाई। एक या दो विद्यार्थी ही स्कूल आए थे। कुछ छात्राएं अपने अभिभावक के साथ पैरेंट्स-टीचर्स मीटिंग में शामिल हुईं। इस दौरान कुछ अभिभावकों ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण अपनी बेटियों को स्कूल नहीं भेजेंगे, तो कुछ ने स्कूल भेजने पर सहमति जताई।