good news M.P, digi desk/BHN/ रोज सुबह चाय अथवा दूध के साथ नाश्ते में खाई जाने वाली ब्रेड का नाम मध्य प्रदेश के सहकारी उत्पादों में शामिल होने वाला है। इसका फायदा प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को होगा, क्योंकि जब ब्रेड सहकारी उत्पाद बन जाएगी तो इसकी कीमत भी नो लॉस, नो प्रॉफिट के आधार पर तय होगी। इस तरह यह बाजार में मिल रही की ब्रेड से कुछ पैसे कम दाम में मिलेगी। इतना ही नहीं, इसकी क्वालिटी खराब होने पर सहकारिता संघ में शिकायत या दावा भी कर सकेगा।
दरअसल प्रदेश में भोपाल समेत छह सहकारी दुग्ध संघ हैं, जो सांची दूध समेत अन्य सहकारी उत्पाद बनाते हैं। ये ही दुग्ध संघ ब्रेड भी बनाने जा रहे हैं, जो अगले छह महीने से एक साल के भीतर बाजार में आ जाएगी। इन दुकानों पर नियंत्रण दुग्ध महासंघ रखता है। महासंघ के एमडी समीमुद्दीन ने बताया कि अभी हमारे संघ सांची दूध के साथ साथ सांची पेड़ा, लड्डू, फ्लेवर्ड मिल्क, रबड़ी सांची घी, मीठा दही, सादा दही, नमकीन मट्ठा, सादा मट्ठा और कई तरह की मिठाइयां बनाते हैं, जो सहकारी उत्पाद हैं। ये उपभोक्ताओं को नो लॉस, नो प्रॉफिट के आधार पर बाजार में मिल रहे हैं। इसी क्रम में संघ अब ब्रेड भी बनाने जा रहे हैं।
अभी मध्य प्रदेश में कई निजी उत्पादक ब्रेड का उत्पादन कर रहे हैं। इनके द्वारा बाजार में उपलब्ध कराई जा रही ब्रेड अलग-अलग दामों पर उपभोक्ताओं को मिल रही है। जब सहकारी संघ ब्रेड बनाएगा तो पूरे मध्य प्रदेश में उसके दाम एक जैसे रहेंगे। उसकी उपलब्धता भी जगह-जगह सुनिश्चित कराई जाएगी जो उपभोक्ताओं के हित में होगी।
यह भी फायदा
- ब्रेड की क्वालिटी खराब होने पर उपभोक्ता सहकारी संघ के समक्ष दावा कर सकेंगे। अभी बाजार में उपलब्ध ब्रेड के मामले में निजी उत्पादकों को सीधे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उसके लिए उपभोक्ता फोरम की मदद लेनी पड़ती है, लेकिन अब संघ के सामने सीधे सुनवाई के अवसर मिलेंगे।
- – सहकारी दुग्ध संघ द्वारा ब्रेड के कारोबार से इसकी आवक बढ़ती है, तो इसका फायदा किसानों को भी होगा, क्योंकि दुग्ध संघ नो लॉस, नो प्रॉफिट के आधार पर काम करते हैं और बचत का अंश सदस्य किसानों में भी बांटते हैं।