Agra five lives ended in agony in car police did not see mobile location life would have been saved: digi desk/BHN/एटा/ एटा में हुआ कार हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई। इस मामले में मृतकों के परिजन का कहना है कि रात करीब 12 बजे अमांपुर थाने पहुंच गए थे। पुलिस से मोबाइल फोन की लोकेशन पता करने को कहा, लेकिन सुबह तक पुलिस टालती रही। पांच बजे जब लोकेशन लेकर तलाश की तो हादसे की जानकारी हुई। कार को नहर से निकाला गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पुलिस समय से हमारी बात सुनकर सक्रिय हो जाती तो शायद किसी की जान बचाई जा सकती थी।
पोस्टमार्टम गृह पर मौजूद मृतक के परिजन ने बताया कि जब ये लोग एटा नहीं पहुंचे और फोन भी स्विच ऑफ आने लगे। तो रात करीब 12 बजे हम लोग सबसे पहले नजदीकी पुलिस थाना अमांपुर गए थे। उस समय वहां थाना प्रभारी नहीं थे। एक मुंशी मिले थे, जिन्हें हमने पूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आप लोग तलाश करो, हम अपने स्तर से कानूनी कार्रवाई करते हैं। हम लोगों ने उनसे कहा कि यदि मोबाइल फोन की लोकेशन ट्रेस कर ली जाए तो तलाशने में आसानी होगी, लेकिन उन्होंने कोई रुचि नहीं ली।
मृतक के भाई सुभाष ने बताया कि इसके बाद हम लोग सड़कों पर तलाश करते रहे। रात करीब 2 बजे फिर थाने पहुंचे। उस समय भी थाना प्रभारी नहीं थे। पुलिस से किसी भी तरह की मदद नहीं मिल रही थी। मजबूर होकर रात करीब 2 बजे कासगंज पुलिस अधीक्षक को फोन किया। उन्होंने हमारी बात सुनी और पुलिस को निर्देश देने का आश्वासन दिया। इसके बावजूद पुलिस कर्मियों की ओर से कोई सकारात्मक रवैया नजर नहीं आया। बाद में कुछ अन्य अधिकारियों, नेताओं को फोन किए। सुबह करीब 5 बजे थाना प्रभारी अपने आवास से थाने में पहुंचे और मोबाइल फोन की लोकेशन ट्रैस कराई गई। लोकेशन मिलने पर वह पुलिस बल को लेकर मौके के लिए रवाना हो गए।
गांव में जिसने सुना एटा दौड़ा आया
पांच लोगों की मौत की खबर पूरे गांव में सुबह 7 बजे तक फैल चुकी थी। इसके बाद जिसने भी गांव में सुना, वह एटा की ओर दौड़ा पड़ा। आधे से ज्यादा गांव पोस्टमार्टम गृह पर पहुंच गया।