Madhya pradesh ujjain mahakal sawan sawari priests angry with chaos in mahakal shravan ride: digi desk/BHN/उज्जैन/ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावण मास की दूसरी सवारी में भी अव्यवस्था नजर आई। सभा मंडप में भीड़ के कारण पुजारियों का पूजन करना मुश्किल हो गया। भगवान महाकाल की आरती करते समय पं.घनश्याम पुजारी धक्का मुक्की का शिकार हो गए।
इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए आरती रख दी तथा पलटकर पूछ कहां हैं कलेक्टर, यहां व्यवस्था बनाने के लिए बुलाओ। पालकी के सभा मंडप से मुख्य द्वार तक पहुंचने के दौरान भी जमकर धक्का मुक्की होती रही।
दरअसल मंदिर व जिला प्रशासन सवारी में भीड़ नियंत्रण नहीं कर पा रहा है। पहली सवारी में भी सभामंडप से धक्का मुक्की की शुरुआत हुई थी। दूसरी सवारी में भी सोमवार को यही स्थित रही। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय नेता व सैकड़ों कार्यकर्ता सभा मंडप में प्रवेश कर गए।
इसके अलावा कई अधिकारी व उनके परिवार पहले से ही मौजूद थे। इससे छोटे से सभा मंडप में भारी भीड़ जमा हो गई। शासकीय पुजारी पं.घनश्याम शर्मा को भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन करने में खासी परेशानी हुई। धक्का मुक्की के कारण वे ठीक से आरती भी नहीं कर पाए।
इस पर उन्होंने बीच में ही आरती रख दी और अधिकारियों से कलेक्टर को व्यवस्था बनाने के लिए बुलाने को कहा। दो सवारियों से लगातार जनप्रतिनिधि और अधिकारी अपने परिवार को लेकर पूजन स्थल पर पहुंच रहे हैं। इनके अलावा बड़ी संख्या में पार्टी संगठन के लोग भी भीतर पहुंच जाते हैं।
नियम बनाए पर अमल नहीं हो पा रहा
बता दें कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में हुई प्रबंध समिति की बैठक में सभा मंडप व शिप्रा तट स्थित पूजन स्थल पर निर्धारित संख्या में लोगों को प्रवेश देने का निर्णय लिया गया था। लेकिन लगातार दो सवारी से अफसर अपने बनाए नियमों का पालन नहीं करा पा रहे हैं। कई अफसर भी अपने परिवार को साथ लेकर सभा मंडप में जमे रहते हैं। जनप्रतिनिधि भी व्यवस्था बनाने में सहयोग नहीं दे रहे हैं। अफसर दबाव में प्रतिबंध नहीं लगा पा रहे हैं।
परिसर में इतनी भीड़ कहां से आ रही
मंदिर समिति ने श्रावण सोमवार के दिन परिसर में आम भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित कर रखा है। बावजूद सोमवार को सभा मंडप से पालकी रवाना होते समय परिसर में सैकड़ों लोग कैसे जमा हो जाते हैं। भारी सुरक्षा इंतजामों के बीच इतनी तादाद में लोगों के मंदिर में घुस आने से व्यवस्था पर प्रश्न खड़े हो रहे हैं। अगर शुरुआती दिनों में यह आल है, तो आने वाले आठ सवारियों में क्या होगा। यह स्थित किसी भी दिन बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है।