- वेद प्रकाश स्मृति वाटिका और जन स्वास्थ्य सेवाओ की दिशा में होगा प्रभावी प्रयास
- पर्यावरण संरक्षण गतिविधि एवं पं वेद प्रकाश शिव प्रताप शुक्ल स्मृति सेवा न्यास के तत्वावधान में हुआ वेबीनार
- देश विदेश के विद्धवानो ने दिए जनोपयोगी व्याख्यान
चित्रकूट,भास्कर हिंदी न्यूज़/ शिक्षक, पत्रकार, प्रकाशक और समाजसेवी वेद प्रकाश शुक्ल की जन्मतिथि तिथि के अवसर पर शुक्रवार को विविध कार्यक्रम आयोजित हुए। चित्रकूट में वेद प्रकाश स्मृति वाटिका, ग्राम रैपुरा में बहुप्रतीक्षित सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं प्रारंभ कराने के लिए के लिए सरकारी विशेषज्ञ चिकित्सक की व्यवस्था के लिए प्रभावी प्रयास का निर्णय लिया गया। कार्यक्रमो की प्रस्तुति की श्रृंखला में गूगल मीट प्लेटफॉर्म मे पर्यावरण संरक्षण गतिविधि एवं पं वेद प्रकाश शिव प्रताप शुक्ला स्मृति सेवा न्यास द्वारा स्वास्थ्य समृद्धि में श्री अन्न की भूमिका विषय पर अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार के मुख्य अतिथि अतिथि दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट के संगठन सचिव अभय महाजन रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय प्रोफेसर भरत मिश्र ने की। मुख्य वक्ता एवम विशिष्ट अतिथि लोक सेवा आयोग प्रयागराज के सदस्य डॉक्टर एचपी सिंह ने कहा कि भारत प्राचीन काल से ही सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे भवंतु निरामया की भावना को लेकर चला है। उन्होंने मोटे अनाज को स्वर्ण अन्न की संज्ञा देते हुए कहा कि यह कई बीमारियों के निदान के साथ-साथ स्वास्थ्य में भी लाभदायक है। इसकी खेती के लिए जल की मात्रा भी कम लगती है साथ ही यूरिया डीएपी और कीटनाशक का उपयोग भी नहीं करना पड़ता। दूध देने वाले जानवरों के लिए भी इसका चारा बहु उपयोगी है। बुंदेलखंड में विशेषकर गर्मियों में जानवरों के लिए यह वरदान है। इसके पूर्व आधार व्याख्यान कृषि एवम पशुपालन विषय के प्राध्यापक और अखिल भारतीय सह प्रमुख शिक्षण संस्थान कार्य विभाग एवम प्रांत प्रमुख पर्यावरण संरक्षण गतिविधि, कानपुर डॉ उमेश कुमार शुक्ल ने दिया।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में केंद्र एवं राज्य सरकार विभिन्न प्रकार से मोटे अनाज के उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही हैं। कहा कि पर्यावरण संरक्षण गतिविधि धार्मिक क्षेत्र, नारी शक्ति, जनसंवाद एवं पर्यावरण के हितों को ध्यान में रखकर कार्य करती है। वेबीनार संयोजक डॉ जयप्रकाश शुक्ल,जन संपर्क अधिकारी, ग्रामोदय विश्वविद्यालय ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। अंतर्राष्ट्रीय विशिष्ट वक्ता एवं प्रख्यात पर्यावरणविद् प्रोफेसर कृपा शंकर तिवारी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा वैश्विक स्तर पर मोटे अनाज के लिए की गई पहल उल्लेखनीय है। यह वर्ष अंतरराष्ट्रीय ईयर ऑफ मिलट्स के रूप में मनाया जा रहा है। भारतीय ज्ञान परंपरा एवं ऋषि कुल परंपरा में इस अनाज का विशेष योगदान रहा है। मोटे अनाज हमारे स्वास्थ्य मित्र तो होते ही हैं बल्कि यह विषम मौसम जैसे अधिक तापमान, कम जल की उपलब्धता आदि में भी बड़ी आसानी से हो जाते हैं। वर्तमान में खाए जाने वाले कई अनाज विभिन्न प्रकार की बीमारियों को बढ़ा रहे हैं। हमें पुनः अपने ऋषि कुल ज्ञान-विज्ञान एवं वैदिक परंपरा का अनुसरण करना होगा। तभी हम लंबे समय तक स्वस्थ रह सकेंगे। विश्व स्वास्थ संगठन की विशेषज्ञ एवं निदेशक, अगाथ हेल्थ केयर बैंकॉक थाईलैंड से वेबीनार में शामिल अंतरराष्ट्रीय वक्ता डॉक्टर अलका गुप्ता ने कहा कि 18 मार्च को ग्लोबल मिलट्स कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वसुधैव कुटुंबकम की भावना से प्रेरित हो श्री अन्न की उपयोगिता पर अपने विचार रखे थे ।उन्होंने कहा कि मिलेट्स की खेती से ग्रामीण अर्थव्यवस्था विशेषकर किसानों की आय, स्वास्थ्य भोजन की उपलब्धता आदि में सुधार किया जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर वेद प्रकाश व्यास विभागाध्यक्ष शिशु एवं बाल रोग विभाग ने बच्चों के लिए उपयोग में लाए जाने वाले श्री अन्न के बारे में विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से विभिन्न प्रकार के रसों के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि भारत आदिकाल से ही सांस्कृतिक रूप से धनी रहा है। इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने वेद प्रकाश शुक्ल के शिक्षक, पत्रकार, प्रकाशक ,समाजसेवी आदि के रूप में किए गए उनके कार्यों को याद किया एवं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। संचालन पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के डॉक्टर नितिन पांडेय द्वारा किया गया। आभार ग्रामोदय विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ सूर्य प्रकाश शुक्ला ने किया। गूगल मीट में वेबीनार का तकनीकी संचालन ई. विवेक सिंह ने किया ।वेबीनार में देश-विदेश से लगभग 200 लोगों ने सहभागिता की।