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Sawan First Somwar: सावन का पहला सोमवार, जानिए पूजा विधि, मुहूर्त समेत संपूर्ण जानकारी

  1. श्रावण मास में रुद्र अभिषेक करना अत्यधिक लाभकारी होता है
  2. मंत्रों का जाप करते हुए शिवलिंग पर बिल्व पत्र अर्पित करें
  3. शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, घी और पुष्प अर्पित करें

Vrat tyohar sawan first somwar 2023 on 10 july mahadev bel patra puja vidhi subh muhurat upay: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ हिंदू धर्म में श्रावण का महीना बहुत महत्व रखता है। इस मास में भगवान शिव की आराधना का विशेष विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह महीना साल का पांचवां माह है। वहीं, अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जुलाई-अगस्त में आता है। श्रावण मास में शिवलिंग पर बेल पत्र और जल चढ़ाना फलदायी माना गया है। शिव पुराण के अनुसार, जो जातक सावन माह में सोमवार का व्रत रखता है। महादेव उसकी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।

सावन 2023 सोमवार व्रत

  • सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को रहेगा।
  • सावन का दूसरा सोमवार 17 जुलाई को रहेगा।
  • सावन का तीसरा सोमवार 24 जुलाई को रहेगा। (अधिकमास)
  • सावन का चौथा सोमवार 31 जुलाई को रहेगा। (अधिकमास)
  • सावन का पांचवां सोमवार 7 अगस्त को रहेगा। (अधिकमास)
  • सावन का छठा सोमवार 14 अगस्त हो रहेगा। (अधिकमास)
  • सावन का सातवां सोमवार 21 अगस्त को रहेगा।
  • सावन का आठवां सोमवार 28 अगस्त को रहेगा।

जरूर करें बेलपत्र से जुड़े ये उपाय, पूरी होगी हर मनोकामना

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस महीने शिव भक्त भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए तरह-तरह के कार्य करते हैं। वहीं सावन का पहला सोमवार कल यानी 10 जुलाई को मनाया जाने वाला है। ऐसे में यदि कुछ उपाय कर लिए जाए तो दोगुना फल मिलता है। अगर महादेव प्रसन्न हो जाएं तो वे भक्तों की हर मनोकामना पूरी कर देते हैं। शिवजी को बेलपत्र बेहद प्रिय है। धर्म शास्त्रों में शिव जी को प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र के कुछ टोटके बताए गए हैं। बेलपत्र के इन उपायों को करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं। आइए जानते हैं कि बेलपत्र के वो खास उपाय कौन से हैं।

मनोकामना पूर्ति के लिए

बेलपत्र की 3 पत्तियों को 1 पत्ता माना जाता है। कहा जाता है कि यदि पूरे भक्ति भाव से बेलपत्र की सूखी पत्ती भी भगवान शिव को अर्पित की जाए तो वे प्रसन्न होते हैं। शिव जी की कृपा से व्यक्ति का जीवन खुशहाल बना रहता है।

धन लाभ के लिए

यदि आपकी आर्थिक स्थिति सही नहीं है या फिर पैसा नहीं टिकता है तो सावन के महीने में बेलपत्र का ये उपाय कर सकते हैं। इसके लिए सावन के 5 सोमवार को आप शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाएं और उन बेलपत्र को पर्स या फिर अपने धन के स्थान पर रख दें। इससे आपको आर्थिक तंगी नहीं होगी। घर में हमेशा बरकत बनी रहेगी।

संतान प्राप्ति के लिए

यदि दंपत्ति संतानहीनता से परेशान हैं तो वे सावन महीने में संतान सुख की प्राप्ति के लिए बेलपत्र का उपाय जरूर करें। इसके लिए अपनी उम्र के बराबर संख्या में बेलपत्र लें। साथ ही थोड़ा कच्चा दूध लें। फिर एक-एक बेलपत्र को दूध में डुबोकर शिवलिंग पर चढ़ाएं और ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहें। बेलपत्र को चिकनी तरफ से शिवलिंग पर चढ़ाएं। कम से कम 7 सोमवार इस उपाय को करने से लाभ मिलता है।

शीघ्र विवाह के लिए

शीघ्र विवाह के लिए आप सावन सोमवार से उपाय आरंभ कर सकते हैं। कम से कम 5 सोमवार ये उपाय करें। सावन सोमवार को शिवलिंग पर 108 बेलपत्र चढ़ाएं। बेलपत्र चढ़ाते समय ओम नमः शिवाय मंत्र का उच्चारण करते रहें। साथ ही माता पार्वती की भी पूजा करें। इससे आपके विवाह के शीघ्र योग बनेंगे।

कब तक रहेगा सावन का महीना

इस साल सावन मास दो महीने का होगा। 4 जुलाई से शुरू हुआ और 31 अगस्त को तक रहेगा। श्रावण मास का अंतिम दिन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन भक्त विशेष अनुष्ठान करते हैं।

कांवड़ यात्रा

सावन के दौरान सबसे प्रमुख कांवड़ यात्रा है। भक्त भगवान शिव को जल चढ़ाने के लिए लंबी दूरी की यात्रा पैदल करते हैं। इस यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं को कॉवड़िया कहा जाता है।

कांवड़ पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, जब देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन हो रहा था। तब मंथन से 14 रत्न निकले। उन रत्नों में एक हलाहल विष था। जिससे सृष्टि नष्ट होने का डर था। तब सृष्टि की रक्षा के लिए भोलेनाथ ने उस विष को पीला लिया। विष के प्रभाव से भगवान शिव का कंठ नीला पड़ा। कहते हैं लंकापति रावण महादेव का सच्चा भक्त था। वह कॉवर में गांगजल लेकर आया और शिवलिं का अभिषेक किया। तब जाकर भगवान शिवजी को विष से मुक्ति मिली।

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