Madhya pradesh bhopal stsf has also been fielded to protect tigers from poachers in madhya pradesh: digi desk/BHN/भोपाल/ मध्य भारत में संरक्षित क्षेत्रों के आसपास संगठित शिकारी सक्रिय होने की आशंका का इनपुट मिलने के बाद वन्यप्राणी मुख्यालय ने स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) को भी मैदान में उतार दिया है। उनसे कहा गया है कि अपने मुखबिरों को काम पर लगाएं और उनसे मिलने वाले किसी भी इनपुट पर पूरी तरह से काम करें। एसटीएसएफ ने कूनो नेशनल पार्क, कान्हा, पन्ना, सतपुड़ा, पेंच, संजय दुबरी और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व सहित अन्य संरक्षित क्षेत्रों के आसपास मुखबिरों को सक्रिय कर दिया है।
वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो) ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और महाराष्ट्र में संगठित शिकारी सक्रिय होने का इनपुट देते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। इसके बाद मध्य प्रदेश में वन अमला चौकन्ना हो गया है।
एसटीएसएफ ने स्थानीय वन अमले के सहयोग से निगरानी शुरू कर दी है। हाट बाजार और खानाबदोशों की झोंपड़ियों पर भी नजर रखी जा रही है। वन्यप्राणी मुख्यालय के सूत्र बताते हैं कि पिछले तीन दिनों में प्रदेशभर में संदिग्ध ठिकानों पर सर्चिंग की गई है। अभी तक कोई संदेही नहीं मिला है। उधर, संरक्षित क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई गई है।
अधिकारी नहीं निकलें बाहर
वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने सलाह दी है कि संरक्षित क्षेत्रों के अधिकारी भी दिन और रात की गश्त पर निकलें। ऐसा करने से मैदानी अमले पर पकड़ मजबूत होती है और वे औचक निरीक्षण के डर से बेहतर काम करते हैं, पर जानकार बताते हैं कि संरक्षित क्षेत्रों में बड़े अधिकारी (संचालक, उप संचालक), सामान्य वनक्षेत्रों में वनमंडल अधिकारी, वनसंरक्षक और मुख्य वनसंरक्षक गश्त पर नहीं निकल रहे हैं। उन्होंने यह जिम्मा पहले से मैदानों में तैनात रेंजर, डिप्टी रेंजर, वनपाल और वनरक्षकों को ही सौंप दिया है।