सीधी,भास्कर हिंदी न्यूज़/ एमपी के सीधी में आदिवासी युवक पर बीजेपी कार्यकर्ता के पेशाब करने के वायरल वीडियो ने मध्यप्रदेश से लेकर दिल्ली तक हलचल मचा दी है। पुलिस का दावा है कि ये वीडियो एक साल पुराना है। मीडिया की पड़ताल में पता चला है कि इस वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर कुछ लोग बीजेपी कार्यकर्ता को ब्लैकमेल कर रहे थे। जब वह नहीं माना तो इसे थर्ड पार्टी से वायरल करवाया गया। वायरल वीडियो नया हो या पुराना, भाजपा कार्यकर्ता ने घिनौना काम किया है। पुलिस ने इसी के चलते आरोपी पर FIR दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, सख्त संदेश देने के लिए सरकार ने आरोपी के घर को तोड़ दिया है। बीजेपी और कांग्रेस में इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी चल रही है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर वायरल हो रहा ये वीडियो कब बना है? वीडियो वायरल होने से पहले अचानक आरोपी बीजेपी नेता लापता क्यों हो गया था? पुलिस का दावा है कि ये वीडियो एक साल पुराना है तो सवाल उठता है कि इसे अब वायरल करने वालों की मंशा क्या थी? आरोपी के पक्ष में एफिडेविट दे चुके पीड़ित की पत्नी क्या चाहती है? इन सवालों के जवाब तलाशे तो वायरल वीडियो से जुड़ी चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।
4 जुलाई को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था वीडियो
4 जुलाई को सीधी जिले के अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह वीडियो वायरल हुआ। इसमें सीधी जिले के कुबरी निवासी प्रवेश कुमार शुक्ला सिगरेट का कश लगाते हुए आदिवासी युवक दशमत (36) पर पेशाब करता दिख रहा है। प्रवेश भाजयुमो के कुचवाही मंडल का उपाध्यक्ष रह चुका है।हालांकि, सीधी भाजपा पूर्व जिला अध्यक्ष इंद्र शरण सिंह चौहान ने एक पत्र शेयर करते हुए कहा है कि हमने 2 सितंबर 2021 को ही प्रवेश को पार्टी से हटा दिया था।उसने खुद अपना इस्तीफा दिया था।
सीधी विधायक का प्रतिनिधि रह चुका है आरोपी
प्रवेश शुक्ला के बारे में दावा किया जा रहा है कि वह सीधी से भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला का प्रतिनिधि भी रह चुका है। इसका दावा खुद उसके पिता कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर उसके प्रतिनिधि बनाए जाने संबंधी एक न्यूज कटिंग भी वायरल हो रही है। ये तब की न्यूज है, जब उसे भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला ने मप्र पूर्व विद्युत वितरण क्षेत्र में सीधी से अपना प्रतिनिधि नियुक्ति किया था। जब विधायक केदारनाथ शुक्ला से सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘प्रवेश न तो मेरा प्रतिनिधि है, न ही पार्टी का कार्यकर्ता। मैं जनप्रतिनिधि हूं तो मुलाकात होना संभव है।’ उन्होंने स्वीकार किया कि वे प्रवेश शुक्ला को जानते हैं। इसके जवाब में अरुण यादव का ट्वीट सामने आया है। उन्होंने प्रवेश शुक्ला को भाजपा मंडल उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने का पत्र ट्वीट किया। यादव ने लिखा, ‘यह नियुक्ति पत्र उन लोगों के लिए है, जो बोल रहे हैं कि प्रवेश शुक्ला भारतीय जनता पार्टी का सदस्य नहीं है। वो भारतीय जनता युवा मोर्चा में मंडल उपाध्यक्ष है, साथ ही विधायक केदारनाथ शुक्ला ने उसे अपना प्रतिनिधि भी बनाया है।’
अब बात वायरल हुए वीडियो के बारे में
सीधी की एएसपी अंजूलता पटले का दावा है कि अभी तक की पूछताछ से पता चला है कि ये वीडियो साल 2020 का है। इसे डेढ़ साल तक रखने के बाद कुछ लोगों ने वायरल किया था। इसके बाद यह वीडियो एक से दूसरे, फिर तीसरे और चौथे व्यक्ति के पास पहुंचा। अब जाकर इसे एक बार फिर वायरल किया गया है। वीडियो को सोशल मीडिया ग्रुपों में वायरल करने वाले लोगों से पूछताछ की जा रही है। मामले में आरोपी प्रवेश शुक्ला के चाचा विद्याकांत शुक्ला ने भी अपना पक्ष रखा। उनका दावा है कि वीडियो तीन साल पुराना है। प्रवेश ने बताया था कि वीडियो के जरिए उसे ब्लैकमेल किया जा रहा है। 25 जून से वह मानसिक रूप से परेशान था। जनवरी में हुए चुनाव की रंजिश को लेकर कुबरी गांव के आदर्श शुक्ला और दीनदयाल साहू इस वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर पैसा मांग रहे थे।
ब्लैकमेलिंग से परेशान प्रवेश ने ख़ुदकुशी करने की बात कही थी..!
बीते 29 जून को प्रवेश घर से यह कहते हुए निकला कि सुसाइड कर लेगा। घर नहीं लौटने पर उसी रात थाने में गुमशुदगी की शिकायत भी दी गई थी। शिकायत में प्रवेश शुक्ला को ब्लैकमेल करने वाले आदर्श शुक्ला, दीनदयाल साहू, मृत्युंजय गौतम, प्रवीण कुमार शुक्ला उर्फ पिंटू के नाम भी लिखवाए गए, लेकिन पुलिस वालों ने कोई कार्रवाई नहीं की।पुलिस आई और बयान लेकर चली गई। इसके बाद 3 जुलाई को वीडियो वायरल किया गया।
पिता की ओर से पेश किया गया शपथ पत्र
प्रवेश शुक्ला को लेकर वायरल हुए वीडियो के बाद उसके पिता रमाकांत शुक्ला की ओर से थाने में एक शपथ पत्र भी पेश किया गया। दावा किया गया कि ये शपथ पत्र पीड़ित आदिवासी युवक दशमत (36) का है, जिस पर वायरल वीडियो में प्रवेश शुक्ला पेशाब करता दिख रहा है।शपथ पत्र में दशमत ने कोई कार्रवाई न करने की बात का जिक्र किया है। शपथ पत्र में दावा किया गया है कि ये वीडियो नशे की हालत में आदर्श शुक्ला निवासी कुबरी और उसके साथियों ने बनाया है। साथ ही आरोप लगाया गया है कि आदर्श शुक्ला और दूसरे लोग दशमत पर दबाव बना रहे हैं कि प्रवेश के खिलाफ शिकायत करो, तुम्हें पैसा मिलेगा। इस तरह का फर्जी वीडियो बनाकर प्रवेश शुक्ला और मेरी भावना को आहत किया गया है। हालांकि, दावा यह भी किया जा रहा है कि आनन-फानन में पेश किया गया ये शपथ पत्र दबाव में लिखवाया गया है।रमाकांत शुक्ला ने पीड़ित युवक की ओर से ये शपथ पत्र थाने में पेश किया। रमाकांत शुक्ला ने पीड़ित युवक की ओर से ये शपथ पत्र थाने में पेश किया। शपथ पत्र में पीड़ित ने कोई कार्रवाई न करने की बात कही है।
वीडियो वायरल होने के बाद से घर नहीं पहुंचा पीड़ित
24 जून को भी वायरल किया गया था वीडियो
पुलिस सूत्रों की मानें तो यह वीडियो 24 जून 2023 को सीधी जिले के कुछ सोशल मीडिया ग्रुपों में अपलोड किया गया था।फिर इसे डिलीट कर दिया गया। 29 जून को आरोपी प्रवेश शुक्ला घर से गायब हो गया। परिवार वालों की ओर से थाने में गुमशुदगी की शिकायत देने के बाद अचानक 3 जुलाई को एक बार फिर इस वीडियो को सीधी जिले के सोशल मीडिया ग्रुपों में वायरल किया गया। पुलिस का कहना है कि वीडियो वायरल करने वाले आदर्श शुक्ला, दीनदयाल साहू, मृत्युंजय गौतम, प्रवीण कुमार शुक्ला उर्फ पिंटू से पूछताछ की जा रही है कि ये घटना कब की है?
एसपी ने ट्वीट कर FIR दर्ज होने की दी जानकारी, फिर मचा बवाल
3 जुलाई को सीधी एसपी रवींद्र वर्मा ने वीडियो वायरल होने के बाद FIR दर्ज करने की जानकारी ट्वीट करके दी। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस को आरोपी पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा- ‘मैंने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि अपराधी पर ऐसी कार्रवाई की जाए, जो उदाहरण बने। अपराधी की न तो कोई जाति होती है और न ही धर्म। अपराधी किसी पार्टी का नहीं होता, अपराधी केवल अपराधी होता है।’ इसके बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान आया कि आरोपी किसी भी पार्टी का कार्यकर्ता हो, अगर गलत किया है तो कार्रवाई होगी। BJP महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
आरोपी गिरफ्तार, घर पर चला बुलडोज़र
सीधी पुलिस ने आरोपी प्रवेश शुक्ला को मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया।उसके खिलाफ सीधी के बहरी थाने में आईपीसी की धारा 323, 123, 294, 506 और एनएसए सहित अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। सीएम की तल्खी के बाद बुधवार को सीधी जिला प्रशासन प्रवेश शुक्ला का कुबरी में बना मकान भी तोडा है। मकान तोड़े जाने को लेकर परिवार के लोगों का दर्द भी छलका। प्रवेश की मां, चाची तो मौके पर ही बेहोश हो गईं। प्रशासन ने अभी तक प्रवेश के घर के पास बने स्टोर रूम के दो कमरे,अतिथियों के लिए बनाया गया कमरा, मुख्य मकान की सीढ़ी को तोड़ा है। सिहावल एसडीएम आरपी त्रिपाठी का कहना है कि मकान का करीब एक तिहाई हिस्सा अवैध है। उसे ढहाया जा रहा है। आरोपी की बहन और चाची का कहना है कि इस मामले में प्रवेश दोषी है,उसे सजा दी जाए। ह घर प्रवेश के पिता और उसके दो चाचाओं ने मिलकर बनाया है। उनकी क्या गलती है? उन्हें क्यों सजा दी जा रही है? प्रवेश के नाम पर जो भी संपत्ति हो,उसे नष्ट करें।
केंद्रीय मंत्री कुलस्ते बोले- कार्रवाई उचित
केंद्रीय मंत्री और आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते ने प्रशासन की कार्रवाई को उचित ठहराया है। उन्होंने आरोपी के कृत्य की निंदा करते हुए कहा कि वह किसी भी राजनीतिक दल का हो,लेकिन उसे यह अधिकार नहीं है कि वह इस तरह की घिनौनी हरकत करे।ऐसे लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर गलत काम करने वाला कोई व्यक्ति पार्टी का सहारा लेता है तो मैं इसे ठीक नहीं मानता हूं।
पीड़ित की गुरुवार को सीएम से मुलाकात
इस मामले में सियासी बवाल मचने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के ऑफिस से देर शाम एक सन्देश बाहर आया जिसमे कहा गया है कि गुरुवार को सीएम पीड़ित व उसके परिजनो से भोपाल में मुलाकात करेंगे, लिहाजा सीधी कलेक्टर साकेत मालवीय ने आनन-फानन पीड़ित के भोपाल जाने की व्यवस्था की। गुरुवार की देर शाम तक पुलिस के अधिकारी पीड़ित से पूछताछ करने में जुटे रहे।