Madhya pradesh itarsi tiger tiger was hunted hunters took away its head questions on patrolling in str: digi desk/BHN/इटारसी/टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त मप्र के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में रहने वाले बाघों पर तांत्रिकों और अंतरराष्ट्रीय बाघ तस्कर गिरोह की नजरें गढ़ी हुई हैं। जंगलों में गश्ती का दावा और बाघों की सुरक्षा पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद यहां रहने वाले बाघ सुरक्षित नहीं हैं।
26 जून को एसटीआर चूरना की डबरा देव बीट में मिले बाघ के छह दिन पुराने शव को लेकर बड़ा पर्दाफाश हुआ है। अफसरों ने तीन दिन मामला दबाने के बाद अब साफ किया है कि इस बाघ का शिकार किया गया था, शिकारी बाघ की गर्दन काटकर ले गए।
यह घटना एसटीआर के कोर एरिया में हुई, जहां इन दिनों बायसन विस्थापन के सिलसिले में अधिकारियों का डेरा है, ऐसे संवेदनशील इलाके में शिकारियों की पहुंच और बाघ का शिकार करने के बाद उसकी गर्दन काटने का मामला एसटीआर प्रबंधन के सुरक्षा दावों पर सवाल खड़े कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि गश्ती पर गए वनकर्मियों ने 26 जून काे बाघ का क्षत-विक्षत शव देखा था, यह शव करीब छह दिन पुराना था, पहले मौत पर संदेह जताकर अफसर टालामटोली करते रहे, मीडिया से भी परहेज किया गया, अब जाकर अफसरों ने कहा कि इस बाघ को मारा गया है।
बिसरा लेकर शव का अंतिम संस्कार भी करा दिया गया था। तंत्र-मंत्र की आशंका: बाघ का सिर काटने के पीछे अफसरों ने तंत्र-मंत्र प्रयोग में शामिल ग्रामीणों और शिकारी गिरोह की भूमिका होने की आशंका जताई है। बाघ के शिकारियों का पर्दाफाश करने के लिए टीम बनाकर जंगलों में छानबीन की जा रही है। टाइगर स्ट्राइक फोर्स मामले की जांच कर रही है।
सूत्रों के अनुसार जंगल से सटे भातना समेत कुछ गांवों के लोगों से पूछताछ की जा रही है, जो इस मामले में संदिग्ध बताए जा रहे हैं।
वनकर्मियों के अनुसार बाघ लगातार इस क्षेत्र में मूव्हमेंट कर रहा था, आशंका है कि जंगल में सक्रिय शिकारी गिरोह इस बाघ का पीछा कर रहा था, मौका पाकर बाघ को मार दिया गया, इसके बाद उसकी गर्दन काटकर बाकी शव जंगल में छोड़ दिया गया।
वन अमले ने डाग स्कवाड को भी भेजा था, लेकिन तब कोई सुराग हाथ नहीं आया। पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया था।
पांच माह पहले खाल के साथ पकड़े गए शिकारी: कुछ माह पूर्व भी एसटीआर के बाघ शिकार मामले में एसटीएफ ने बैतूल और छिंदवाड़ा से पांच लोगों को गिरफ्तार कर बाघ की खाल बरामद की थी, इस गिरोह में एक शख्स शिक्षक था।
टीम ने छिंदवाड़ा जिले के एक ओझा महेश सूर्यवंशी को गिरफतार किया था, इसके पास से बाघ की खाल बरामद हुई थी। इस गिरोह ने बताया था कि बाघ की खाल से तांत्रिक क्रिया कर नोटों की वर्षा के लालच में यह षडयंत्र रचा गया था। इस मामले में एसटीआर के क्षेत्र संचालक एल कृष्णमूर्ति ने बताया कि बाघ शिकार के मामले में संयुक्त टीम बनाकर जांच कर रही है, जल्द ही शिकारियों का पता लगाया जाएगा।