इस तस्वीर ने सरकारी सिस्टम और समाजसेवी संस्थाओं के दावों पर खड़े किये सवाल
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कथित तौर पर स्मार्ट हो रहे सतना में बुधवार की दोपहर इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीर जिला अस्पताल से सामने आई है हैरान करने वाली इस तस्वीर ने सरकारी सिस्टम और समाजसेवी संस्थाओं के दावों पर एक बार फिर तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां एक परिवार को मासूम बेटी का शव ले जाने के लिए शव वाहन नहीं मिल सका। नतीजतन शव को गोद में उठाकर बाइक पर ले जाना पड़ा।
दरअसल, सरदार वल्लभ भाई पटेल जिला अस्पताल सतना में सर्पदंश के कारण हुई 4 वर्षीया मासूम नियांशी डोहर पिता विजय डोहर निवासी डांडी टोला जैतवारा की मंगलवार की रात मौत हो गई थी। बुधवार की सुबह पोस्टमॉर्टम के बाद जब परिजनों को उसका शव सौंपा गया तो शव ले जाने के लिए उन्हें शव वाहन नहीं मिल सका। परिजनों की आर्थिक स्थिति भी ऐसी नहीं थी कि वे निजी तौर पर कोई वाहन किराए पर लेकर अपनी लाडली का शव घर ले जा सकें। आखिर उन्हें मजबूर हो कर शव को गोद में उठा कर बाइक से उन्हें सतना से लगभग 30 किमी दूर अपने घर डांडी टोला रवाना होना पड़ा।
परिजनों ने बताया कि नियांशी मंगलवार की शाम घर के आंगन में खेल रही थी। तभी सांप ने उसके दाएं हाथ मे काट लिया। उसने रोते हुए अपनी मां रामप्यारी को जानकारी दी। नियांशी को अस्पताल ले जाने के लिए 108 एम्बुलेंस को बुलाया गया लेकिन 4 घंटे बाद रात लगभग 10 बजे एंबुलेंस आई जिसके बाद लगभग 11 बजे उसे जिला अस्पताल लाया जा सका। यहां इलाज शुरू होने के कुछ देर बाद ही उसकी सांसें थम गई। सुबह पीएम के बाद शव उन्हें सौंप दिया गया।
मृतिका के बाबा छोटेलाल शव को घर ले जाने के लिए परेशान थे। गांव से कुछ अन्य परिजन भी अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने शव वाहन के लिए अस्पताल में भी पूछताछ की थी लेकिन वहां से उन्हें बताया गया कि शव वाहन का प्रबंध नहीं है। वे एक निजी संस्था के लोगो के पास भी गए लेकिन वहां बताया गया कि डीजल के खर्च का प्रबंध उन्हें करना होगा। लेकिन इतने पैसे उनके पास नहीं थे लिहाजा वहां से भी वे निराश हो कर वापस लौट आए। बाद में उन्होंने शव को गोद में उठा कर बाइक पर ले जाया गया।