Kuno Wildlife Sanctuary: shyopur/BHN/ कूनो-पालपुर अभ्यारण का नाम सुनते ही दिमाग में जंगल में विचरण करते हिरन और मोरों का झुंड नाचने की परिकल्पना दिखाई देने लगती है। सिंधिया स्टेट समय में लाए गए बब्बर शेरों की आकृति छा जाती है। कूनो अभ्यारण का इतिहास और वर्तमान परिस्थियां बताने के लिए वन विभाग ने शार्ट फिल्म ‘द फोरगोटेन प्राइड’ फिल्म तैयार कराई है। वन विभाग ने 14 दिसंबर को कूनो स्थापना दिवस पर यू-ट्यूब पर रिलीज की है। यहां बता दें, कि कूनो वन मंडल द्वारा यह शार्ट फिल्म देश और दुनिया में कूनो अभ्यारण को नई पहचान देने के लिए बनवाई गई है। कूनो-द फोरगोटेन प्राइड (कूनो-भूली हुई शान) टाइटल पर बनाई गई है। 18 मिनट 4 सेकंड की इस फिल्म की शूटिंग विश्व सिंह दिवस 10 अगस्त को की गई और 14 दिसंबर को रिलीज कूनो स्थानपा दिवस पर की गई है। फिल्मकार निशांत कपूर और फरहान खान द्वारा बनाई इस शॉर्ट फिल्म को रिलीज के कुछ ही घंटों में लाइक, कमेंट मिलना शुरू हो गए हैं।
सिंधिया स्टेट काल के बारे में भी बताया गया
शॉर्ट फिल्म में सिंधिया स्टेट के समय डोब कुंड में बब्बर शेरों को लाए जाने, कूनो के जंगल में विस्थापित गांवों की कहानी को भी बहुत अच्छे तरीके से बताया गया है। फिल्म में जंगल में डकैतों की शरणास्थली और पालपुर किले के इतिहास को भी बताया गया है। शॉर्ट फिल्म की शूटिंग ड्रोन कैमरों के साथ बेहतर लोकेशनों पर की गई है।
इनका कहना है
कूनो द फोरगोटेन प्राइड फिल्म में हमने कूनो राष्ट्रीय अभ्यारण और इतिहास को बताने व वर्तमान स्थिति को बताने का प्रयास किया है। सोमवार को रिलीज फिल्म को लोग काफी पसंद कर रहे हैं।
पीके वर्मा, डीएफओ कूनो अभ्यारण