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MP: सतपुड़ा भवन में 24 घंटे की आग में भी बच गया कर्मचारियों और डाक्टरों का रिकार्ड, सिविल शाखा के दस्तावेज सुरक्षित

Bhopal fire in satpurabhawan record of employees and doctors survived even in 24 hour fire in satpura building: digi desk/BHN/भोपाल/ सतपुड़ा भवन (Satpura Bhawan) में सोमवार को लगी आग 24 घंटे बाद बुझ पाई, इसके बावजूद कुछ रिकार्ड सुरक्षित बच गया है। सिविल शाखा के पूरे दस्तावेज सुरक्षित हैं। प्रदेशभर में 2500 करोड़ रुपये की लागत से अस्पतालों का निर्माण और उन्नयन किया जा रहा है। इसके दस्तावेज यहां रखे हुए थे। पूरे मध्‍य प्रदेश( Madhya Pradesh) के डाक्टरों की वरिष्ठता सूची और सर्विस रिकार्ड छठवीं मंजिल में स्थापना शाखा में रखे हुए थे, जिनमें लगभग 70 प्रतिशत सुरक्षित हैं।

लगभग 70 प्रतिशत रिकार्ड

इसी तरह से शिकायत शाखा के भी लगभग 70 प्रतिशत रिकार्ड सतपुड़ा भवन में आग से जलने से बच गए हैं। अविज्ञप्त (नान गजटेड) शाखा का आधे से अधिक रिकार्ड भी बच गया है। दरअसल, संचालनालय में हर शाखा को पार्टीशन से अलग किया गया है, इस कारण कुछ जगह आग का प्रभाव कम रहा।

ऐसे बच गया कुछ शाखाओं का रिकार्ड

संचालनालय में बीचों-बीच गैलरी है। इसके दोनों ओर कक्ष बने हैं। चौथी मंजिल में दीवारों का पार्टीशन है। इस कारण जिन कक्षों में कागज और अन्य ज्वलनशील चीजें नहीं थीं वहां आग का प्रभाव कम रहा। इसके अलावा कुछ फाइलें लोहे की अलमारियों में थीं जो बच गई हैं।

रेनोवेशन कार्य भी हुआ था

छठवीं मंजिल में हाल ही में रेनोवेशन का कार्य हुआ था। यहां भी दीवारों के अलावा कुछ पार्टीशन लकड़ी से किया गया था। छठवीं मंजिल तक आग जब तक पहुंची तो एयरपोर्ट समेत कई संस्थानों की अत्याधुनिक फायर ब्रिगेड से आग बुझाई गई, इस कारण स्थापना शाखा और स्वास्थ्य आयुक्त कक्ष को बहुत कम नुकसान हुआ।

सीएम को रिपोर्ट सौंपेगी समिति

आग की घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपर मुख्य सचिव गृह डा. राजेश राजौरा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति बनाई थी। समिति ने 30 लोगों के बयान लिए थे। फारेंसिक जांच के लिए 15 सैंपल लिए गए थे। तीन दिन में (शुक्रवार को) रिपोर्ट सीएम को सौंपी जानी थी, पर फारेंसिक रिपोर्ट नहीं आने वजह से अवधि सोमवार तक बढ़ा दी गई थी।

कहां क्या काम होता था

चौथी मंजिल- स्वास्थ्य संचालनालय की बजट शाखा, विधानसभा शाखा, विकास शाखा, परिवार कल्याण, शिकायत शाखा, एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आइडीएसपी) शाखा थी।

पांचवीं मंजिल- यह स्वास्थ्य विभाग के अधीन हैै। अभी निर्माण कार्य (रिनोवेशन) के चलते खाली था।

छठवीं मंजिल- स्थापना शाखा, स्वास्थ्य आयुक्त, स्वास्थ्य संचालक और अन्य अधिकारियों के कक्ष।

इनका कहना है

कुछ शाखाओं में बहुत कुछ रिकार्ड बच गया है। हालांकि कुछ गीला भी हो गया है। साेमवार से बचा हुआ रिकार्ड निकालने की कोशिश करेंगे। सिविल शाखा पूरी तरह से बच गई है।

डा. सुदाम खाड़े, स्वास्थ्य आयुक्त

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