सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए हैं कि महाविद्यालयों में एक जनवरी से प्रायोगिक कक्षाओं का संचालन करें। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की गाइड-लाइन को ध्यान में रखते हुए 50 प्रतिशत क्षमता के साथ सामाजिक दूरी का पालन करते हुए तीन-तीन दिन के लिये बैच निर्धारित कर कक्षाएँ शुरू की जायें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएँ दिलाई जायें। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाये, ताकि विद्यार्थियों को रोजगार प्राप्त करने एवं अपना व्यवसाय स्थापित करने में आसानी हो सके। उन्होंने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में विभाग के लिये तय किये गये बिन्दुओं पर सुव्यवस्थित ढंग से कार्य करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि समय-सीमा तय कर विभागीय लक्ष्यों को पूरा करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के हितों एवं भविष्य को ध्यान में रखते हुए आवश्यतानुरूप महाविद्यालयों का युक्ति-युक्तकरण व्यवस्थित ढंग से किया जाये। इसी तरह एकल संकाय वाले महाविद्यालयों का बहुसंकायी महाविद्यालयों में उन्नयन आवश्यकतानुसार किया जाये।
उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक विद्यार्थियों को महाविद्यालयों में उपलब्ध सीट के अनुसार प्रवेश दिया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 200 शासकीय महाविद्यालयों का इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की कार्यवाही शुरू की जाये, जिससे विद्यार्थियों को वर्चुअल लर्निंग एवं स्मार्ट क्लॉस-रूम जैसी सुविधाएँ मिल सकें। उन्होंने कहा कि 100 से कम विद्यार्थी संख्या वाले 51 शासकीय महाविद्यालयों को निकटस्थ बड़े महाविद्यालयों में विलय करने पर विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि भवनविहीन महाविद्यालयों के लिये किराये से भवन लेने पर विचार किया जायेगा। उन्होंने विभाग के निर्माण कार्यों का लोकार्पण, शिलान्यास एवं हितलाभ वितरण स्थानीय विधायक एवं अन्य जन-प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ही करने के निर्देश दिये।