Monday , April 29 2024
Breaking News

Train Accdient” 4 ट्रैक, 3 ट्रेनें और मिनटों में हादसा, जानिए कैसे हुई दुर्घटना, क्या टल सकती थी आपदा..!

अब तक इस हादसे में 288 लोगों की मौत की पुष्टि

 यह रेलवे का एक बहुत बड़ा सिस्टमेटिक फेल्युअर

Odisha train accdient: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ दोपहर 3.20 बजे चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल के हावड़ा जंक्शन से रवाना होती है। शाम 6.30 बजे ट्रेन ओडिशा के बालासोर रेलवे स्टेशन पर पहुंचती है, जहां यह पांच मिनट रुकती है। शाम 6.55 बजे यह ट्रेन बालासोर जिले में बहनागा बाजार स्टेशन के पास पहुंची। उस वक्त उसकी टक्कर मालगाड़ी से हुई। शाम 7 बजे बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस पटरी से उतरे कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों से टकरा गई। ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम तीन ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हो गईं। घटना बहनागा रेलवे स्टेशन के पास हुई। अब तक इस हादसे में 288 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। 900 से ज्यादा यात्री घायल हैं। घटना की उच्च स्तरीय जांच भी रेलवे ने शुरू कर दी है। 

 सवाल यह उठता है कि हुआ क्या है? इसके पीछे की वजह क्या है? हादसे का असर क्या हुआ? क्या हादसे को टाला जा सकता था? आइये समझते हैं…

हुआ क्या
कोलकाता से करीब 250 किलोमीटर दक्षिण और भुवनेश्वर से 170 किलोमीटर उत्तर में बालासोर जिले के बहानागा बाजार स्टेशन के पास शुक्रवार शाम करीब सात बजे भीषण ट्रेन हादसा हुआ। इस हादसे का शिकार तीन ट्रेनें हुईं जिसमें कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और मालगाड़ी शामिल हैं। 

इस भयावह हादसे में कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकरा गई। ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के डिब्बे पर चढ़ गया। टक्कर के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के 13 डिब्बे बुरी तरह छतिग्रस्त हो गए। इनमें सामान्य, स्लीपर, एसी 3 टियर और एसी 2 टीयर के डिब्बे शामिल थे। कुछ डिब्बे बगल के ट्रैक पर भी जा गिरे।  

उस वक्त दूसरी ओर से बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस को गुजरना था। बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के ट्रैक पर कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे गिरे हुए थे। इसकी वजह से बेंगलुरु-हावड़ एक्सप्रेस इन डिब्बों से टकरा गई। टक्कर के चलते बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के सामान्य श्रेणी के तीन डब्बे पूरी तरह क्षतिग्रस्त होकर पटरी से उतर गए।  हादसे के बाद लोगों की चीख-पुकार शुरू हो गई। चारों तरफ खून से सने क्षत-विक्षत और अंगविहीन शव ही दिख रहे थे।   

कब हुआ हादसा
दोपहर 3.20 बजे चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल के हावड़ा जंक्शन से रवाना होती है। शाम 6.30 बजे ट्रेन ओडिशा के बालासोर रेलवे स्टेशन पर पहुंचती है, जहां यह पांच मिनट रुकती है। शाम 6.55 बजे यह ट्रेन बालासोर जिले में बहनागा बाजार स्टेशन के पास पहुंची। उस वक्त उसकी टक्कर मालगाड़ी से हुई। शाम 7 बजे बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस पटरी से उतरे कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों से टकरा गई। 

ट्रेनों के संचालन पर हादसे का असर

बालासोर ट्रेन दुर्घटना के बाद लंबी दूरी की 48 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। 39 ट्रेनों के रुट में बदलाव किया गया है। इसके अलावा 10 ट्रेनें ऐसी भी हैं जिन्हें आंशिक रूप से रद्द किया गया है। 

ये ट्रेने हुईं रद्द

12837 हावड़ा-पुरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 2 जून, 2023, 12863 हावड़ा-बेंगलुरु सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 12839 हावड़ा-चेन्नई मेल यात्रा, 12895 शालीमार-पुरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस, -20831 शालीमार-संबलपुर एक्सप्रेस, 02837 संतरागाछी-पुरी स्पेशल एक्सप्रेस और 22201 सियालदह-पुरी दुरंतो एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है।

इन ट्रेनों का बदल गया रूट

03229 2 जून 2023 को पुरी से पुरी-पटना स्पेशल वाया जाखपुरा-जरोली रूट से चलेगी, 12840 चेन्नई-हावड़ा मेल चेन्नई से जाखपुरा और जरोली रूट से चलेगी, 18048 वास्को डी गामा-हावड़ा अमरावती एक्सप्रेस वास्को से जाखपुरा-जारोली रूट से चलेगी, 22850 सिकंदराबाद-शालीमार एक्सप्रेस सिकंदराबाद से जाखपुरा और जरोली होते हुए चलेगी, 12801 पुरी-नई दिल्ली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस पुरी से जाखपुरा और जरोली रूट से चलेगी, 18477 पुरी-ऋषिकेश कलिंग उत्कल एक्सप्रेस पुरी से अंगुल-संबलपुर सिटी-झारसुगुड़ा रोड-आईबी रूट से चलेगी, 22804 संबलपुर-शालीमार एक्सप्रेस संबलपुर से वाया संबलपुर सिटी-झारसुगुड़ा रूट से चलेगी, 12509 बैंगलोर-गुवाहाटी एक्सप्रेस बेंगलुरु से विजयनगरम-टिटिलागढ़-झारसुगुड़ा-टाटा रूट से चलेगी और 15929 तांबरम-न्यू तिनसुकिया एक्सप्रेस तांबरम से वाया रानीताल-जारोली रूट से चलेगी। 

हादसे की वजह क्या
रेलवे के जानकारों का कहना है कि इस हादसे के पीछे दो कारण नजर आ रहे हैं। पहला- मानवीय भूल और दूसरा- तकनीक में खराबी। इस हादसे के पीछे तकनीक में खराबी को अब तक बड़ी वजह माना जा रहा है। जब हादसा हुआ उस दौरान अगर सिग्नल सिस्टम दुरुस्त होते तो कोरोमंडल एक्सप्रेस को रोका जा सकता था। दरअसल, ड्राइवर ट्रेन को कंट्रोल रूम के निर्देश पर चलाता है और कंट्रोल रूम से निर्देश पटरियों पर ट्रैफिक को देख कर दिया जाता है। ऐसे में हादसे की जानकारी भी कंट्रोल रूम के पास पहुंचने का अनुमान है। हालांकि, यह जानकारी कंट्रोल रूम तक कितनी देर में पहुंचती है, यह हादसे को रोकने में बड़ा फैक्टर हो सकता था।

इस बीच, रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा कि मार्ग पर एंटी-ट्रेन टक्कर प्रणाली ‘कवच’ उपलब्ध नहीं थी। जानकारी के मुताबिक, रेलवे अपने पूरे नेटवर्क में कवच (एंटी-ट्रेन टक्कर प्रणाली) स्थापित करने की प्रक्रिया में है। दरअसल कवच उस वक्त अलर्ट करता है जब लोको पायलट किसी सिग्नल (सिग्नल पासड एट डेंजर – एसपीएडी) को पार कर जाता है, जो ट्रेन टक्करों की प्रमुख वजह है। यह सिस्टम लोको पायलट को अलर्ट कर सकता है, ब्रेक पर नियंत्रण कर सकता है। इसके साथ ही यह ट्रेन को निर्धारित दूरी के भीतर उसी लाइन पर दूसरी ट्रेन को नोटिस करने पर ट्रेन को स्वचालित रूप से रोक सकता है।

हादसे को टाला जा सकता था?
रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य सुबोध जैन अमर उजाला से बातचीत में कहते हैं कि आज के दौर में कई प्रकार की नई तकनीक आ गई है। पहले के हादसों में ट्रेनों के कोच एक-दूसरे ऊपर चढ़ जाते थे, लेकिन अब नए एंटी क्लाइम्बिंग कोच ट्रेन में लगाए गए हैं। यह एलएचबी कोच एक-दूसरे के ऊपर नहीं चढ़ते हैं। इसके बावजूद इस हादसे में इतने लोगों की मौत होना अपने आप में रेलवे के सिस्टम पर सवाल खड़ा कर रहा है।

 यह रेलवे का एक बहुत बड़ा सिस्टमेटिक फेल्युअर है।  हर बजट में कवच और ट्रेनों के सिस्टम, ट्रैक और सिग्नल सिस्टम सुधारने के लिए करोड़ों का बजट आवंटित किया जाता है। इसके बावजूद यह हादसे कैसे हो जाते हैं? जैन कहते हैं कि, इसी हादसे के बाद रेलवे के अधिकारियों को एक्शन लेना चाहिए था। जिससे बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस को हादसे से रोका जा सकता था।

About rishi pandit

Check Also

हरियाणा में नए चेहरों पर है दारोमदार, चुनावी रण से बाहर बैठकर संभाली कमान, प्रचार को देंगे धार

हिसार. हरियाणा में इस बार हो रहा लोकसभा चुनाव पिछले कई चुनावों से अलग है। …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *