National ban on indian students why is australian university banning indian students know the main reasons: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ बीते दिनों प्रधानमंत्री मोदी के ऑस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान दोनों देशों में बेहद गर्मजोशी भरे संबंध देखने को मिले, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत पहुंचने के तत्काल बाद ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों ने भारत के 6 राज्यों व 1 केंद्र शासित प्रदेश के भारतीय छात्रों पर स्टडी वीजा देने पर बैन लगाकर हैरान कर दिया। हालांकि ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालयों ने भारतीय छात्रों पर ये अस्थायी बैन लगाया है। यहां जानें आखिर क्या प्रतिबंध लगाने का कारण –
इन दो यूनिवर्सिटी ने लगाया बैन
ऑस्ट्रेलिया में फेडरेशन यूनिवर्सिटी और वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ने शिक्षा एजेंटों को निर्देश दिया है कि वे उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के छात्रों की भर्ती बंद करें। इन दोनों यूनिवर्सिटी ने 26 मई को ये निर्देश जारी करते हुए पत्र में लिखा है कि कुछ भारतीय क्षेत्रों के वीजा आवेदनों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिन्होंने नियमों का पालन नहीं किया है।
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची वीजा अस्वीकृति दर
इस फैसले के बाद ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों के लिए भारतीय छात्रों के आवेदनों के लिए वीजा अस्वीकृति दर 10 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। इसमें 25 फीसदी से अधिक मामले धोखाधड़ी के रूप में चिन्हित किए गए हैं। आशंका है कि भारतीय छात्रों पर ये प्रतिबंध आगामी दो माह तक लागू रह सकता है।
पहले भी भारतीय छात्रों पर लगा बैन
भारतीय छात्रों में इन दो विश्वविद्यालयों की सख्त कार्रवाई कोई नई बात नहीं हैं। इससे पहले भी विक्टोरिया यूनिवर्सिटी, एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी, वोलोंगोंग यूनिवर्सिटी, टॉरेंस यूनिवर्सिटी और सदर्न क्रॉस यूनिवर्सिटी ने साल 2023 की शुरुआत में भारतीय छात्रों के वीजा आवेदन पर बैन लगा दिया था। इसके बाद एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी ने फरवरी में पंजाब और हरियाणा के आवेदनों पर रोक लगा दी थी।
मार्च में विक्टोरिया विश्वविद्यालय ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात सहित 8 भारतीय राज्यों के आवेदनों पर प्रतिबंध बढ़ा दिया। इसके अलावा वोलोंगोंग विश्वविद्यालय ने भारत, नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान, लेबनान, मंगोलिया, नाइजीरिया के छात्रों पर ऐसा प्रतिबंध लगा दिया था।
आखिर क्यों लग रहा भारतीय छात्रों पर बैन
ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों को चिंता है कि अधिकांश लोग पढ़ाई के नाम पर वीजा लेकर आ रहे हैं, लेकिन वहां जाकर अन्य काम में लग जाते हैं। इस सख्ती के बाद विश्वविद्यालयों को उम्मीद है कि वास्तविक छात्रों के वीजा आवेदकों को तेजी ट्रैक करने की क्षमता मजबूत होगी। इसके अलावा बैन लगाने का ये भी कारण है –
- – विश्वविद्यालयों और ऑस्ट्रेलियाई सरकार का मानना है कि कुछ भारतीय लोग छात्र बनकर ऑस्ट्रेलिया में पिछले दरवाजे से प्रवेश कर रहे हैं।
- – कई आवेदकों को काम करने के लिए विश्वविद्यालयों से बाहर निकलते देखा गया है।
- – ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा विभाग इस फैसले को लेकर सख्त है। इस सख्ती के कारण कई वास्तविक छात्र परेशान हो सकते हैं। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया अप्रवासन नियमों में भी बदलाव करने की योजना बना रहा है।