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Satna: शादी समारोहों में परोसी जा रही वाशिंग पाउडर से बनी आइसक्रीम, अशुद्ध पानी से बने बर्फ के गोले..!

शहरवासियों की सेहत से खिलवाड़, नींद में खाद्य विभाग, महीनों से रूटीन जांच तक नहीं

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सावधान…यदि आप और आपके बच्चे गर्मियों में आइस्क्रीम खाने का शौक रखते हैं तो एलर्ट हो जाइये। शादी-ब्याह के इस मौसम में बाजार में मिलावटी बर्फ और सेक्रीन व वाशिंग पाउडर से बनी आइसक्रीम आपके परिवार के लिए जानलेवा हो सकती है। शादियों के पंडाल मे छोटे और बड़े बर्फ के गोले गपा-गप खाते देखे जाते हैं पर उन्हें यह नहीं पता होता कि जिस बर्फ से बने रंग-बिरंगे गोले खाकर वह ठंडक का अहसास कर रहे हैं वह बर्फ कितने अशुद्ध पानी और मीठे गोले में तब्दील होने तक कितनी मिलावटी प्रक्रिया से गुजरी है।

आइसक्रीम में वाशिंग पाउडर और बर्फ के गोले में हानिकारक प्रिजर्वेटिव

आपकी जानकारी के लिए बता दें सफेद चमक लाने के लिए आइसक्रीम में वाशिंग पाउडर मिलाया जाता है,
और बर्फ के गोले में सेक्रीन से मिठास तथा हानिकारक रंग मिला कर उन्हें स्वादिष्ट बनाया जा रहा है। इसके अलावा इनमें ऐसे प्रिजर्वेटिव मिलाए जा रहे हैं जो कई गंभीर बीमारियों को जन्म देने के लिए काफी हैं। आइसक्रीम में वाशिंग पाउडर धड़ल्ले से मिलाया जा रहा है। इससे सीधा पेट और लिवर की बीमारियां होती है, साथ ही साथ शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता भी घट जाती है।

जिम्मेदारों ने जवाबदेही से किया किनारा

हैरानी की बात यह है कि खाद्य संबंधी वस्तुओं में मिलावट की जांच-पड़ताल करने का जिम्मा जिस विभाग पर है वह इस सीजन में सर्वाधिक खपत वाले इन खाद्य पदार्थो की जांच पड़ताल को लेकर आंख और कान बंद किये बैठे तमाशा देख रहा है।
खाद्य विभाग के आला अफसरों ने बीते साल सिर्फ एक बार शहर की बर्फ बनाने वाली फैक्ट्रियों पर छापा मार कार्रवाई करते हुए अमानक नीली बर्फ की कुछ सिल्लियां जब्त कर कागजी कार्रवाई का कोरम पूरा कर लिया और इसके बाद चैन की नींद सो गया। इन मिलावटी खाद्य पदार्थों की खाद्य विभाग ने रूटीन जांच करने की तकलीफ भी बीते कई महीनों में नहीं उठाई। खाद्य विभाग की इस अकर्मण्यता का खामियाजा शहर के लोग भुगत रहे हैं। मिलावटी आइसक्रीम और बर्फ के गोले खा-खाकर बच्चे बीमार हो रहे हैं।

जानलेवा नीली बर्फ का आइसक्रीम फैक्ट्रियों में जमकर उपयोग

गर्मी के सीजन में विवाह समारोहों की बाढ़ सी आ जाती है लिहाजा अमानक बर्फ व मिलावटी आइसक्रीम का कैटरिंग ठेकेदार जम कर इस्तेमाल कर रहे हैं। पैलेस व मैरिज गार्डन में परोसे जाने वाली सलाद और फ्रूट सलाद को ठंडा रखने के लिए बड़ी मात्रा में नीली अमानक बर्फ और वाशिंग पाउडर मिली आइसक्रीम का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि आइसक्रीम को ज्यादा स्वादिष्ट बनाने के लिए इनमें हड्डियों का चूरा भी मिलाया जा रहा है।

मिलावटी आइसक्रीम पड़ सकती है पेट पर भारी

बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक आइसक्रीम का खूब लुत्फ उठाते हैं। गरमी के मौसम में आइसक्रीम की दीवानगी सेहत पर भारी पड़ सकती है. जी हां, सुनकर हैरान हो रहे होंगे, लेकिन यह बात बिल्कुल सही है। गर्मी में आइसक्रीम खाने से पेट से जुड़ी कई परेशानी हो सकती हैं। अशुद्ध पानी से बने बर्फ के गोले और आइसक्रीम आपके परिवार को पेट की गंभीर बीमारियां दे सकती हैं। चिकित्सकों का मानना है कि इन चीजों से पेट खराब होना, उल्टी-दस्त, डायरिया, आंतो में अल्सर की समस्या पैदा हो सकती है।

दिल और शुगर के मरीजों के लिए खतरनाक

इस मौसम में आइसक्रीम खाने से आप कई परेशानियों का शिकार हो सकते हैं. भारत में कार्डियोवैस्कुलर रोग के मरीजों की संख्या 5 करोड़ से अधिक है। इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। चिकित्सक भी दिल के मरीजों को कई चीजें न खाने की सलाह देते हैं। इनमें एक आइसक्रीम भी है। इसके सेवन से रक्त में शर्करा स्तर बढ़ने लगता है। दिल के मरीजों को भी आइसक्रीम से परहेज करनी चाहिए।

बर्फ खाने में ठंडी पर तासीर गर्म

गर्मी में ठंडक का अहसास पाने के लिए लोग आइसक्रीम और ठंडे पेय पदार्थों का सहारा लेते हैं। लोगों को लगता है कि आइसक्रीम खाने से शरीर की गर्मी दूर हो जाएगी। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक आइसक्रीम खाने में भले ही ठंडी होती है लेकिन इसकी तासीर गर्म होती है। आइसक्रीम में फैट कंटेंट ज्यादा होता है जिसके कारण शरीर के भीतर गर्मी पैदा कर देती है। यही कारण है कि आइसक्रीम खाने के बाद बहुत तेज प्यास लगती है।

बच्चों की सेहत से न करें खिलवाड़

बाजार में मिलने वाली अमूमन सभी आइस्क्रीम में प्रिजर्वेटिव, फैट, शुगर, आर्टिफिशियल चीजें और फूड कलर मिलाया जाता है। आइस्क्रीम दूध से बनी होती है, हो सकता है कि आपके बच्चे को कच्चे दूध और क्रीम से एलर्जी हो।

गंदे पानी से बनती है बर्फ

बर्फ की शुद्धता की जांच नहीं होती। इसलिए यह पता नहीं चल पाता कि बर्फ में किस प्रकार का बैक्टीरिया है और यह कितने गंदे पानी से बनाई जाती है। कोई मानक तय नहीं होने के कारण बर्फ किसी भी पानी से बना दी जाती है। रख-रखाव में भी कोई साफ-सफाई नहीं बरती जाती।

अशुद्ध बर्फ और मिलावटी आइसक्रीम से गंभीर बीमारियों का खतरा- डा. रूपेश गर्ग

शिशु रोग विशेषज्ञ डा. रुपेश गर्ग से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि कच्ची बर्फ और मिलावटी आइसक्रीम से बच्चों व बड़ों में थ्रोट इंफेक्शन,साइनोसाइटिस, राइनोसाइटिस,टांसिलाइटिस एवं ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी होती है जो सेकेंड स्टेज में खतरनाक साबित हो सकती है। इसके अलावा पेट में अल्सर की समस्या भी हो जाती है जो कई बार गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है। उन्होंने बताया कि आम दिनों की अपेक्षा गर्मी और शादी ब्याह के इस सीजन में मरीजों की संख्या दोगुनी हो जाती है।


इनका कहना है

अमानक बर्फ और मिलावटी आइसक्रीम को लेकर किसी ने कोई शिकायत अभी तक नहीं की है। नीली बर्फ का खाद्य पर्दाथों में उपयोग अपराध की श्रेणी में आता है। यदि कोई शिकायत आती है तो कार्रवाई की जायेगी। पैलेस व मैरिज गार्डन में आयोजित वैवाहिक समारोहों के दौरान कैटरिंग का ठेका लेने वाले ठेकेदारों के पास लाइसेंस होना जरूरी है। कैटरिंग की जिम्मेदारी देने से पहले मैरिज गार्डन संचालकों को कैटरिंग ठेकेदारों का लाइसेंस चेक करना चाहिए।’

अभिषेक बिहारी गौड़, खाद्य निरीक्षक सतना

‘शहर में क्यूब बर्फ बनाने की फैक्ट्री है, जिसे लायसेंस दिया गया है। उपभोक्ताओं और पैलेस संचालकों को खाने में सिर्फ क्यूब बर्फ का प्रयोग करने की अनुमति है। यदि कोई अमानक नीली बर्फ का प्रयोग खाद्य पदार्थों में करता है तो गलत है। इस संबंध में शिकायत मिलने पर विभाग जांच-पड़ताल करता है। खाद्य विभाग समय-समय पर रूटीन जांच करता है।

शीतल सिंह, खाद्य निरीक्षक, सतना

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