National congress and 18 other parties decided to boycott inauguration of new parliament building know updates: digi desk/BHN/नई दिल्ली/नये संसद भवन के उद्घाटन को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों ने नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भवन के उद्घाटन करने का निर्णय राष्ट्रपति के उच्च कार्यालय का अपमान करता है, और संविधान की भावना का भी उल्लंघन करता है। वहीं एनडीए ने विपक्ष के इस फैसले की कड़ी निंदा की है। एनडीए ने कहा है कि बहिष्कार का फैसला, देश के लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों का अपमान है। आपको बता दें कि नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को होगा।
BJD और SAD ने किया समर्थन
वैसे बीजेपी के समर्थक दलों ने इसे व्यर्थ का विवाद बताया है। बीजू जनता दल ने इस समारोह में शामिल होने की पुष्टि की है। वहीं शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि नये संसद भवन का उद्घाटन देशवासियों के लिए गर्व का विषय है, इसलिए उनकी पार्टी ने इस समारोह में शिरकत करने का फैसला किया है। हम विपक्ष द्वारा उठाई गई आपत्तियों सहमत नहीं हैं।
AIMIM की मांग
उधर विपक्षी नेताओं से अलग AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की है कि नये संसद भवन का उद्धाटन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो उनकी पार्टी उद्धाटन समारोह का विरोध करेगी और इसमें शामिल नहीं होगी।
विपक्ष की दलील
विपक्ष के कहना है कि राष्ट्रपति न केवल भारत में राज्य का प्रमुख है, बल्कि संसद का एक अभिन्न अंग भी है। वह संसद को बुलाता है, सत्रावसान करता है और संबोधित करता है। संक्षेप में, संसद राष्ट्रपति के बिना कार्य नहीं कर सकती है। ऐसे में उनके बजाए प्रधानमंत्री द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन, एक अशोभनीय कार्य है और राष्ट्रपति के उच्च पद का अपमान करता है। यह उस समावेशी भावना का अनादर है, जिसके तहत देश अपनी पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति का जश्न मना रहा है।
28 मई को होगा उद्घाटन
28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।दोनों सदनों के सांसदों को भौतिक और डिजिटल दोनों रूपों में निमंत्रण भेजा गया है। संभावना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस अवसर पर बधाई संदेश जारी करेंगे। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर, 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। इसे रिकॉर्ड समय में गुणवत्तापूर्ण निर्माण के साथ बनाया गया है। संसद के वर्तमान भवन में लोक सभा में 543 तथा राज्य सभा में 250 सदस्यों के बैठने का प्रावधान है। जबकि नये संसद भवन में भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लोकसभा में 888 और राज्य सभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है। दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा कक्ष में होगा।