भोपाल/सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ गुलशेर अहमद के पुत्र और दिग्गी सरकार में वित्त एवं वाणिज्यिक कर राज्य मंत्री रहे सईद अहमद ने कांग्रेस में वापसी कर ली है। पहले हाथ छोड़ कर हाथी पर सवार हुए सईद ने भोपाल में फिर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। सईद की वापसी से सतना के सियासी गलियारों में गर्माहट बढ़ गई है।
विधानसभा चुनाव के लिहाज से कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है। कांग्रेस अपने पुराने कद्दावर नेता और सतना के बड़े अल्प संख्यक चेहरे को एक बार फिर अपने पाले में लाने में कामयाब हुई है। कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार पूर्व मंत्री सईद अहमद की कांग्रेस ने घर वापसी करा ली है। पीसीसी चीफ कमलनाथ एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मौजूदगी में सईद ने फिर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।
हालांकि सईद की कांग्रेस में वापसी के कयास पिछले दिनों हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के विंध्य दौरे के बाद से ही लगाए जाने लगे थे। दिग्गी ने अपने मंत्रिमंडल के सदस्य रहे सईद से उनके घर जा कर मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि पूर्व मंत्री सईद अहमद ने नगरीय निकाय चुनाव के दौरान कांग्रेस से बगावत कर दी थी। उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ कर बसपा के हाथी की सवारी शुरू कर दी थी। नगर निगम चुनाव में वे बसपा के टिकट पर महापौर पद का चुनाव लड़े थे। चुनावी मैदान में उनकी मौजूदगी से कांग्रेस पर इस कदर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था कि मौजूदा विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा महापौर पद का चुनाव हार गए थे।
नगर पालिक निगम सतना के महापौर पद के चुनाव में बसपा प्रत्याशी रहे सईद अहमद को 26151 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी एवं मौजूदा विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को 38376 वोट प्राप्त हुए थे। यह चुनाव भाजपा प्रत्याशी योगेश ताम्रकार के मुकाबले कांग्रेसी विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा 24 हजार 916 वोटों से हार गए थे। हार का यह अंतर सईद को मिले वोटों से 1235 वोट कम था।