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National: मोदी सरकार के दोनों कार्यकाल में दो बार बदले गए कानून मंत्री, जानिये अटल सरकार में ऐसा कब हुआ था…!

National law minister re shuffled twice in both terms of modi government know when this happened in atal government: digi desk/BHN /नई दिल्ली/ केंद्र सरकार ने कल 18 मई को केंद्रीय कैबिनेट में एक बदलाव किया। इसमें कानून मंत्री किरेन रिजिजू के स्‍थान पर अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्रालय का दायित्‍व सौंपा गया। रिजिजू अब पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय संभालेंगे। केंद्रीय मंत्रि परिषद में पिछला री-शफल जुलाई 2021 में हुआ था। तब तत्‍कालीन कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के स्‍थान पर रिजिजू को यह कार्यभार दिया गया था। अब जब रिजिजू को भी बदल दिया गया है तो इसके साथ ही मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में दो कानून मंत्रियों का संयोग बन गया।

संयोग यह भी है कि मोदी सरकार के दोनों कार्यकाल में दो बार कानून मंत्री बदले गए। मोदी जब मई 2014 में पहली बार प्रधान मंत्री बने थे तब उनके पहले मंत्रिमंडल ने 26 मई को शपथ ली थी। इसमें रविशंकर प्रसाद को कानून मंत्रालय का जिम्‍मा दिया गया था। लेकिन वे 5 साल की अवधि पूरी नहीं कर पाए और मात्र 6 महीने बाद ही नवंबर 2014 में उनकी जगह सदानंद गौड़ा को कानून मंत्री बना दिया गया।

गौड़ा ने इस पद पर जुलाई 2016 तक कार्य किया। इसके बाद फिर से एक बार रविशंकर प्रसाद को कानून मंत्री बनने का अवसर प्राप्‍त हुआ। यह मोदी सरकार का भी दूसरा कार्यकाल था और बतौर कानून मंत्री, रविशंकर प्रसाद का भी दूसरा कार्यकाल था। उनका यह दूसरा कार्यकाल जुलाई 2021 में समाप्‍त हुआ जब सरकार ने बदलाव किया और उनके स्‍थान पर किरेन रिजिजू को कानून मंत्री बना दिया गया। अब कल 18 मई को रिजिजू को भी अपदस्‍थ करके अर्जुन राम मेघवाल को यह जिम्‍मा सौंपा गया है।

जेठमलानी और जेटली भी दो बार रहे कानून मंत्री

रविशंकर प्रसाद दो बार कानून मंत्री रहे हैं। इससे पहले भी दो मंत्री दो बार कानून मंत्रालय संभाल चुके हैं। जाने माने कानूनविद एवं वकील स्‍व. राम जेठमलानी 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक मात्र 16 दिनों के लिए केंद्रीय कानून मंत्री रहे थे। यह वह समय था जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी जो कि 13 दिनों में ही गिर गई थी। हालां‍कि जेठमलानी किसी दल की तरफ से न होते हुए स्‍वतंत्र ही थे।

इसके बाद दूसरी बार वे 8 जून 1999 में कानून मंत्री बने और 23 जुलाई 2000 तक कुल 1 साल 61 दिनों तक पद पर रहे। तब भी केंद्र में अटल जी की सरकार थी और जेठ मलानी स्‍वतंत्र थे। इस क्रम में दूसरा उदाहरण आता है अरुण जेटली का जो पहली बार 24 जुलाई 2000 को कानून मंत्री बने थे और 1 जुलाई 2002 तक इस पद रहे। उनके कार्यकाल की अवधि 1 साल, 342 दिन थी।

अटल सरकार में ही उन्‍हें बदलकर जना कृष्‍णमूर्ति को कानून मंत्री बना दिया गया था। वे 29 जनवरी 2004 तक इस पद पर रहे। इसके बाद जेटली को दोबारा कानून मंत्री बना दिया गया। इस बार वे 22 मई 2004 तक कुल 3 साल 91 दिनों की अवधि के साथ कानून मंत्री रहे।

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