National gyanvapi case allahabad high court accepts the petition for carbon dating: digi desk/BHN/ वाराणसी/ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में ज्ञानवापी वाराणसी परिसर में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच व साइंटिफिक सर्वे की मांग में दाखिल याचिका स्वीकार कर ली है। भारतीय पुरातत्व सर्वे (एएसआइ) को बिना क्षति पहुचाएं शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच करने का आदेश दिया है। वाराणसी की अधीनस्थ अदालत ने सुप्रीम कोर्ट की यथास्थिति कायम रखने के आदेश के चलते कार्बन डेटिंग जांच कराने से इन्कार कर दिया था, इसे चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने वाराणसी की अदालत के आदेश को रद्द कर दिया है। वाराणसी जिला अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में सर्वेक्षण के याचिकाकर्ताओं के अनुरोध को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने भारत सरकार के अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह से पूछा था कि क्या शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बगैर कार्बन डेटिंग से जांच की जा सकती है, क्योंकि इस जांच से शिवलिंग की आयु का पता चलेगा। एएसआइ ने कहा बिना क्षति शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच की जा सकती है।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन की प्रतिक्रिया
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले विष्णु शंकर जैन ने एएसआई को मस्जिद परिसर में पाए गए ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग करने की अनुमति देने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि एएसआई ने अदालत के सामने वैज्ञानिक सर्वेक्षण की कई तकनीकें पेश की हैं। 22 मई को जिला न्यायाधीश तय करेंगे कि वैज्ञानिक सर्वेक्षण कैसे किया जाएगा।