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Crime: ख़ुदकुशी क़े पहले छात्र ने बनाया इमोशनल वीडियो, बोला- पेरेंट्स को लगता है प्रेशर नहीं है, एग्‍जाम ही तो है, पर ऐसा नहीं है..!

Bhilai neet student before committing suicide made this emotional video from mobile said under stress due to not being able to study: digi desk/BHN/भिलाई/ छत्‍तीसगढ़ के दुर्ग जिले के प्रगति नगर रिसाली के एक किराये के मकान में रहकर नीट की तैयारी कर रहे एक छात्र ने ठीक से तैयारी न हो पाने और पूर्व में दो बार फेल होने की ग्लानि में आत्महत्या की है। उसने आत्महत्या के पहले अपने मोबाइल से एक वीडियो बनाया था। जिसमें उसने कहा है कि वो लगातार कोशिश कर रहा है। इसके बाद भी दो बार फेल हो चुका है और इस बार भी उसकी तैयारी ठीक से नहीं हो सकी है। जिसके चलते वो आत्महत्या कर रहा है।

सपी डा. अभिषेक पल्लव ने विद्यार्थियों से की अपील

छात्र के आत्महत्या करने के बाद दुर्ग एसपी डा. अभिषेक पल्लव ने वीडियो जारी कर पढ़ाई और अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों से अपील की है कि असफलताओं से वे निराश न हों। यदि तैयारी ठीक से नहीं हुई है या फिर परिणाम खराब आया है तो वे फिर से कोशिश करें। परिवार वालों से भी अपील करते हुए कहा है कि वे बच्चों पर किसी प्रकार का दबाव न बनाएं। उन्हें सामान्य और आराम करने का मौका दें। इसके बाद उन्हें बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करें।

कमरे में फांसी लगाकर कर ली थी आत्महत्या

बता दें कि शनिवार को ग्राम सोढ़ थाना बेरला जिला बेमेतरा निवासी प्रभात कुमार निषाद (21) ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वो प्रगति नगर रिसाली के एक मकान में रहकर नीट की तैयारी कर रहा था। उसके कमरे से उसका मोबाइल मिला। जिसमें एक वीडियो मिला है। उस वीडियो को प्रभात ने आत्महत्या करने के पहले बनाया था।

दो बार नीट की परीक्षा में हो चुका था फेल

उस वीडियो में उसने कहा है कि वो पहले भी दो बार नीट की परीक्षा में फेल हो चुका है और इस बार भी उसकी तैयारी अच्छे से नहीं हुई है। जिससे वो काफी ज्यादा ग्लानि महसूस कर रहा है और इसी कारण से आत्महत्या कर रहा है। पुलिस ने छात्र के मोबाइल को जब्त कर लिया है। बता दें कि मृतक प्रभात कुमार झा के पिता शत्रुघन निषाद बेरला में शिक्षक हैं।

 परिवार वाले बच्चों को परेशान न करें

दुर्ग एसपी डा. अभिषेक पल्लव ने कहा, बच्चों से अपील है कि वे परेशान न हों। यदि वे असफल हो जाते हैं तो जीवन में और भी कई रास्ते हैं। परिवार वालों से भी अपील है कि वे बच्चों को परेशान न करें। उनसे तुरंत फीडबैक न लें। उन्हें सामान्य होने का अवसर दें। यदि बच्चा किसी भी तरह से परेशान या तनाव में नजर आए तो उसे तुरंत मनोचिकित्सक से पास ले जाएं। ताकि यदि उसके मन में आत्महत्या के विचार आ रहे हों तो उसकी काउंसलिंग की जा सके और उसे तनाव से उबारा जा सके।

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