भोपाल/सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने कहा कि उपभोक्ताओं को नये बिजली कनेक्शन देने की मौजूदा ऑनलाइन व्यवस्था को अपग्रेड कर और अधिक सरलीकृत किया जा रहा है। अब नये कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के तुरंत बाद ही उपभोक्ता को एसएमएस और बिजली कंपनी द्वारा समस्त औपचारिकताएँ पूर्ण कर विधिवत भरे गए आवेदन पर कार्यवाही करते हुए लाइनमेन नये कनेक्शन के लिए मीटर लेकर उपभोक्ता के परिसर में पहुँच जाएगा। उन्होंने कहा कि बिजली खंभे से उपभोक्ता के परिसर में स्थापित होने वाले मीटर की दूरी तक सर्विस केबल लगाने की सुविधा सशुल्क मुहैया कराई जाएगी।
प्रमुख सचिव ऊर्जा ने राज्य शासन के जल-जीवन मिशन, महिला-बाल विकास की आँगनबाड़ी, शिक्षा विभाग के स्कूल आदि के बिजली कनेक्शन अविलम्ब जारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इन कनेक्शनों को जारी करने में किसी भी स्तर पर किसी प्रकार की कोताही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। प्रमुख सचिव ऊर्जा ने सभी मैदानी अधिकारियों को सचेत किया कि ट्रांसफार्मर असफलता की दर 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर एक से अधिक बार ट्रांसफार्मर फेल हुए हैं, उन स्थानों को चिन्हित किया जाए और वहाँ ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाई जाए, जिससे निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि बिजली लाइनमेन को सुरक्षा के सभी उपकरण उपलब्ध करा दिए गये हैं। लाइनमेन सुरक्षा उपकरणों के साथ ही बिजली सुधार का कार्य करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि लाइनमेन के साथ घटित होने वाली घातक तथा अघातक विद्युत दुर्घटनाओं की जाँच की जाएगी एवं लापरवाही पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
प्रमुख सचिव ने कहा कि ऑपरेशनल दक्षता में वृद्धि के लिए कंपनी की प्रत्येक ऑपरेशनल इकाई को बेहतर प्रदर्शन करते हुए बिलिंग दक्षता और राजस्व संग्रहण दक्षता में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध होना होगा। खराब तथा जले मीटर अभियान चला कर बदले जाएँ। शहरी क्षेत्रों में एक भी खराब तथा जला मीटर नहीं होना चाहिए। उन्होंने निम्न दाब के उद्योग और 10 किलोवाट से ऊपर वाले उपभोक्ताओं के एएमआर मीटर को दुरूस्त रखने के निर्देश दिये। बड़े कस्बों में जले तथा खराब मीटर वाले परिसरों को चिन्हित कर नए मीटर लगाए जाएँ। ऑपरेशनल प्रॉफिट बढ़ाने के लिए राजस्व वसूली पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि बकाया राशि कतई नहीं बढ़नी चाहिए। उपभोक्ता संतुष्टि के लिए हर संभव प्रयास किये जाएं। मानसून का सीजन आने वाला है। उससे पहले उप केन्द्रों, 33 के.व्ही., 11 के.व्ही. एवं एल.टी. लाइनों एवं ट्रांसफार्मर्स इत्यादि का प्रभावी ढंग से रख-रखाव किया जाए, जिससे शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत अवरोध न्यूनतम हो। विद्युत अवरोध को रोकने के लिए रख-रखाव ही मुख्य कुंजी है। मंथन में मैदानी अधिकारियों से फीडबैक के आधार पर मासिक/वार्षिक राजस्व तथा निर्माण कार्यों के लक्ष्य निर्धारित किये गये।
मझगवां में सुरक्षा जवान भर्ती कैम्प आज
सीईओ जिला पंचायत डॉ. परीक्षित झाडे ने बताया कि कैपिटल प्रोटेक्शन फोर्स (सीपीएफ) हैदराबाद द्वारा सतना जिले के सभी विकासखण्डों 3 मई 2023 तक सुरक्षा जवान/सुपरवाईजर भर्ती कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 29 अप्रैल को मझगवां, 1 मई को उचेहरा, 2 मई को सोहावल तथा 3 मई को विकासखण्ड नागौद के जनपद सभागार कक्ष में प्रातः 11 बजे से सायं 4ः30 बजे तक भर्ती कैम्प का आयोजन किया जायेगा।
सुरक्षा जवान के लिये शैक्षणिक योग्यता कक्षा 8वीं या 10वीं, ऊंचाई 165 सेमी, आयु 18 से 37 वर्ष, सुपरवाइजर के लिये स्नातक और एनसीसी आयु 25 से 37 वर्ष, ऊंचाई 172 सेमी, एनसीओ के लिये स्नातक और अनुभव, आयु 30 से 37 वर्ष, ऊंचाई 170 सेमी तथा हाउस कीपिंग पद के लिये शैक्षणिक योग्यता कक्षा 8वीं, आयु 18 से 37 वर्ष निर्धारित है। भर्ती संबंधी अधिक जानकारी के लिये मो. नं. 7509781949 या 8707815095 पर सम्पर्क किया जा सकता है। इच्छुक आवेदक विकासखण्डवार निर्धारित तिथि में शैक्षणिक योग्यता, आधारकार्ड तथा दो फोटो लेकर भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं।
राष्ट्रीय विश्व पशु चिकित्सा दिवस समारोह आज नईदिल्ली में
मध्यप्रदेश के 50 पशु चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल होंगे
विश्व पशु चिकित्सा दिवस 29 अप्रैल को केन्द्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय और भारतीय पशु चिकित्सा परिषद द्वारा नई दिल्ली के विज्ञान भवन में वृहद समारोह किया जा रहा है। इसमें मध्यप्रदेश के पशुपालन विभाग के संचालक, महू, जबलपुर और रीवा पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के उप कुलपति, जिलों के पशु चिकित्सक सहित लगभग 50 वरिष्ठ अधिकारी शामिल हो रहे हैं। समारोह में देश के ख्यातिलब्ध पशु चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी प्रस्तुतिकरण दिया जायेगा। इसमें वन्य-प्राणी संरक्षण में पशु चिकित्सा का योगदान, महामारी के दौरान पशु स्वास्थ्य पहुँच, पशु चिकित्सा के क्षेत्र में महिला पशु चिकित्सकों का योगदान, जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में पशु संरक्षण आदि विषय शामिल हैं।