Health tips tulsi leaves are very effective even in summer know its benefits: digi desk/BHN/इंदौर/ हमारे घरों में ऐसे कई तत्व हैं जो कई रोगों में अलसी का काम करते हैं। हल्दी, अदरक, पुदीना, सौंफ, धनिया व तुलसी पत्ती औषधियुक्त पौधे हैं। इनका उपयोग केवल भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए नहीं होता बल्कि स्वस्थ रहने के लिए भी किया जाता है। तुलसी एक ऐसा पोधा है जिसकी पत्ती लकड़ी और जड़ भी स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।
आहार व पोषण विशेषज्ञ डा. आरती मेहरा के अनुसार तुलसी का सेवन कई तरह से किया जाता है। हर रोग के लिए इसके उपयोग की विधि अलग है। सामान्य बाल चिकित्सा समस्याएं जैसे खांसी जुकाम, बुखार, दस्त और उल्टी तुलसी के पत्तों के रस के अनुकूल हैं। यदि चिकनपाक्स के कारण उनकी उपस्थिति में देरी होती है, तो केसर के साथ ली गई तुलसी की पत्तियां उन्हें जल्दबाजी में डाल देंगी।
रक्त शुद्ध करता है
तुलसी के पत्तों को ‘एडाप्टोजेन’ या एंटी-स्ट्रेस एजेंट माना जाता है। हाल के अध्ययनों से पता चला है कि पत्तियां तनाव के खिलाफ महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान करती हैं। यहां तक कि स्वस्थ व्यक्ति तनाव को रोकने के लिए तुलसी की 12 पत्तियों को दिन में दो बार खा सकते हैं। यह रक्त को शुद्ध करता है और कई सामान्य तत्वों को रोकने में मदद करता है। मुंह में छाले और संक्रमण के लिए तुलसी की पत्तियां प्रभावी होती हैं। जड़ी बूटी कीट के डंक या काटने के लिए एक रोगनिरोधी या निवारक और उपचारात्मक है।
पत्तियों के रस का एक चम्मच लिया जाता है और कुछ घंटों के बाद दोहराया जाता है। प्रभावित भागों पर ताजा रस भी लगाना चाहिए। कीड़े के काटने के मामले में ताजा जड़ों का एक पेस्ट भी प्रभावी है। तुलसी का रस दाद और अन्य त्वचा रोगों के उपचार में फायदेमंद है।ल्यूकोडर्मा के उपचार में कुछ प्राकृतिक चिकित्सकों द्वारा भी इसे सफलतापूर्वक आजमाया गया है। दांतों के विकारों में हरड़ उपयोगी है। इसके पत्तों को धूप में सुखाकर पाउडर बनाया जाता है, इसका इस्तेमाल दांतों को ब्रश करने के लिए किया जा सकता है।
दंत स्वास्थ बनाए रखता है पेस्ट
इसे पेस्ट बनाने के लिए सरसों के तेल में मिलाकर टूथपेस्ट के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दंत स्वास्थ्य को बनाए रखने, खराब सांस का मुकाबला करने और मसूड़ों की मालिश करने के लिए बहुत अच्छा है।यह पायरिया और दांतों के अन्य विकारों में भी उपयोगी है। तुलसी सिर दर्द के लिए एक अच्छी दवा है। इस विकार के लिए पत्तियों का काढ़ा दिया जा सकता है।
चंदन के पेस्ट के साथ मिश्रित पत्तों को भी माथे पर लगाया जा सकता है ताकि गर्मी, सिरदर्द से राहत मिल सके और सामान्य रूप से ठंडक प्रदान की जा सके। तुलसी का रस गले की खराश और रतौंधी के लिए एक प्रभावी उपाय है, जो आमतौर पर विटामिन ए की कमी के कारण होता है।