National rbis monetary policy review meeting begins loan emi may increase again due to increase in repo rate: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ महंगाई के दौर में आम आदमी की जेब पर फिर से बोझ बढ़ सकता है। आरबीआई एक बार फिर से रेपो रेट बढ़ा सकता है। यदि ऐसा हो जाता है तो होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन की दरें फिर बढ़ जाएंगी। RBI की ब्याज दर तय करने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिनी बैठक सोमवार को शुरू हुई। ऐसा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में एमसीपी रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की और वृद्धि का फैसला कर सकती है। विश्लेषकों का मानना है कि इसके साथ ही मई, 2022 से शुरू हुआ ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला थम जाएगा। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति की तीन दिनी बैठक (तीन से छह अप्रैल) के दौरान विभिन्न घरेलू और वैश्विक कारकों पर विचार किया जाएगा।
2022 से रेपो दर में 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी
इसके बाद वित्त वर्ष 2023-24 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा की जाएगी। छह सदस्यों वाली समिति ने ब्याज दरों पर क्या फैसला किया है, इस बारे में गवर्नर गुरुवार को बताएंगे। महंगाई को काबू में करने के लिए केंद्रीय बैंक मई, 2022 से रेपो दर में 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चुका है। इसके बावजूद मुद्रास्फीति ज्यादातर समय आरबीआइ के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है।
मुद्रास्फीति ने किया जनवरी में RBI के संतोषजनक स्तर को पार
एमपीसी खुदरा मु्द्रास्फीति में वृद्धि और विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा हाल में की गई कार्रवाई पर खासतौर से विचार करेगी। नवंबर और दिसंबर, 2022 में छह प्रतिशत से नीचे रहने के बाद खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में RBI के संतोषजनक स्तर को पार कर गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआइ) पर आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में 6.52 प्रतिशत और फरवरी में 6.44 प्रतिशत थी।