Vaishakh month vaishakh month will start from april 7 and it has special importance for religious purposes: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि के बाद से वैशाख माह की शुरुआत होती है। इस साल वैशाख मास 7 अप्रैल से शुरू हो रहा है, जो 5 मई तक रहेगा। पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक धार्मिक दृष्टि से इस मास का विशेष महत्व है। इस माह में गंगा स्नान और दान-ध्यान से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ-साथ भगवान विष्णु और परशुराम की पूजा करने से व्यक्ति को हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। वैशाख मास में भगवान विष्णु की तुलसीपत्र से माधव रूप की पूजा की जाती है। इसी के कारण इस मास को माधव मास भी कहा जाता है। इस मास में आईये जानते हैं वैशाख माह की विशेषता और महत्व।
वैशाख माह का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस मास में पूर्णिमा के दिन चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में होते हैं। इसी के कारण इसे वैशाख पूर्णिमा कहा जाता है। विशाखा नक्षत्र के स्वामी गुरु बृहस्पति है और इसके देवता इंद्र माने जाते हैं। इसलिए इस पूरे मास में भगवान विष्णु के साथ चंद्र देव की पूजा की जाती है। इसके साथ ही स्नान-दान और व्रत से पुण्य की प्राप्ति होती है। स्कन्द पुराण के वैष्णव खण्ड अनुसार -.
न माधवसमो मासो न कृतेन युगं समम्।
न च वेदसमं शास्त्रं न तीर्थं गंगया समम्।।’
(माधवमास यानी वैशाख मास के समान कोई मास नहीं है। सतयुग के समान कोई युग नहीं है। वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगा जी के समान कोई तीर्थ नहीं है।)
पूजन के लाभ
मान्यता है कि वैशाख मास में पूजा-पाठ और ध्यान रखने से व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
वैशाख माह में तुलसी और पीपल के वृक्ष की पूजा का भी विशेष महत्व है। साथ ही सूर्यदेव को प्रतिदिन तांबे के लोटे में जल का अर्घ्य देने से हर पाप से मुक्ति मिल जाती है।