Bhopal mp assembly speaker girish gautam asked minister vishwas sarang to remove the dean: digi desk/BHN/भोपाल /रीवा के श्यामशाह मेडिकल कालेज के डीन देवेश सारस्वत पर पद का दुरुपयोग करने के मामला सोमवार को विधानसभा में ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से भाजपा विधायक शरदेन्दु तिवारी ने उठाया। चर्चा के दौरान विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से कहा कि डीन को वहां से हटा लो, आप सरकार की क्यों बदनाम करवा रहे हैं। डीन की कार्यप्रणाली को लेकर विधानसभा में लगातार प्रश्न उठ रहे हैं।
तिवारी ने सदन में कहा कि सुदामा प्रसाद पांडे ने कैंसर का इलाज कराने के लिए तीन लाख रुपए का आवेदन दिया था। इस पर कोई कार्यवाही नहीं की। विधानसभा अध्यक्ष ने भी डीन को पत्र लिखा था पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।इस पर विभागीय मंत्री ने कहा कि कोई सरकारी कर्मचारी राज्य के बाहर या राज्य के अंदर निजी अस्पताल में इलाज कराता है तो वह अस्पताल सूचीबद्ध होना चाहिए।
सुदामा प्रसाद पांडे ने नागपुर के जिस संस्थान में अपना इलाज कराया वह राज्य सरकार में सूचीबद्ध नहीं है। ऐसे प्रकरण में विचार के लिए प्रक्रिया बनी है। इसके अनुसार प्रकरण रीवा मेडिकल कालेज में गया पर अस्पताल सूचीबद्ध नहीं था इसलिए वह अमान्य हो गया।दूसरी बार उन्होंने फिर से आवेदन प्रस्तुत किया लेकिन कालेज स्तर पर निर्णय नहीं लिया जा सकता इसलिए संबंधित विभाग जल संसाधन को वह भेजा गया है। जैसे ही यह हमारे विभाग में आएगा तो विचार करके निर्णय जरूर करेंगे।
इस पर अध्यक्ष ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि जब कार्यपालन यंत्री के यहां से पत्र तीन लाख रुपये के प्राकल्लन के साथ 20 दिसंबर 2022 को आ गया था तो उन्होंने स्वीकृति नहीं दी। आगे किस कमेटी को कहां भेजा, इसकी कोई जानकारी नहीं दी। मैंने आपको पत्र भेजा था लेकिन अभी तक न तो स्वीकृति और न ही निरस्ती की कोई सूचना दी गई है। जबकि, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश हैं कि संसद सदस्य और विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही का निर्धारित अवधि में उत्तर देने है।
इसके उलटे डीन ने पत्रकारवार्ता बुलाकर प्रकरण को लेकर नेता की तरह बयान दे रहे हैं और वह भी पूरी तरह से असत्य। डीन के विरुद्ध कई शिकायतें हैं। मैं आसंदी से कह रहा हूं आप इसे आग्रह समझ लें या निर्देश, उस डीन को वहां से हटा लो। आप सरकार की क्यों बदनामी करवा रहे हैं। इस पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि आसंदी के निर्देश या आग्रह, जो भी हो उस पर विचार करेंगे।