Tyohar what is gudi padwa called in other states know important things related to this festival: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ हिंदू धर्म में गुड़ी पड़वा का विशेष महत्व है। नववर्ष की शुरुआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होती है। इस दिन महाराष्ट्रियन लोग गुड़ी पड़वा का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। महाराष्ट्र में इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल गुड़ी पड़वा 22 मार्च, 2023 को मनाया जाएगा। यह पर्व देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग नामों से मनाया जाता है। आइए जानते हैं-
- – गोवा और केरल में कोंकणी समुदाय गुड़ी पड़वा को संवत्सर पड़वा के रूप में मनाते हैं।
- – कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में गुड़ी पड़वा के त्योहार को युगादी के नाम से जाना जाता है।
- – कश्मीरी हिंदू इस दिन को नवरेह के रूप में मनाते हैं।
- – मणिपुर में इस दिन को साजिबू नोंगमा पानबा कहा जाता है।
- – चैत्र नवरात्रि की शुरुआत इसी दिन से होती है।
गुड़ी पड़वा से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें-
– इस दिन महाराष्ट्रियन लोग गुड़ी लगाते हैं। बांस के ऊपर चांदी, तांबे या पीतल का उल्टा कलश रखा जाता है। वहीं, सुंदर साड़ी से सजाया जाता है। गुड़ी को नीम के पत्ते, आम के डंठल और लाल पुष्पों से सजाया जाता है। गुड़ी को ऊंची जगह पर रखा जाता है, ताकि दूर से दिखाई दें। कई लोग इसे घर के मुख्य द्वार या खिड़कियों पर लगाते हैं।
- – माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन ब्रह्मांड की रचना की थी। इसलिए गुड़ी को ब्रह्मध्वज भी माना जाता है।
- – कुछ लोग भगवान राम के 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में गुड़ी पड़वा का पर्व मनाते हैं।
- – गुड़ी लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
- – रबी की फसल कटने के बाद दोबारा बुवाई की खुशी में किसान इस पर्व को मनाते हैं।