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Rangpanchami: महाकाल मंदिर में भक्तों ने खेली होली, निकला ध्वज चल समारोह

MP, ujjain rangpanchami 2023 baba mahakal will play holi with the colors of flowers in the morning flag hoisting ceremony will take place in the evening: digi desk/BHN/उज्जैन/ ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में रविवार को रंगपंचमी मनाई गई। अवंतिकानाथ तड़के चार बजे भस्म आरती में टेसू के फूलों से बनाए गए प्राकृतिक रंग से होली खेली। शाम को 51 ध्वज के साथ श्री महाकालेश्वर ध्वज चल समारोह निकाला गया।

भगवान महाकाल की रंग-रंगीली होली के लिए शनिवार को पुजारियों ने करीब पांच क्विंटल टेसू के फूलों से प्राकृतिक रंग तैयार कर लिया था। करीब 400 लीटर रंग को ठंडा होने के बाद आइस कंटेनर में सुरक्षित रखा गया। इसी रंग से भगवान महाकाल के दरबार में होली खेली गई। भस्म आरती में मौजूद भक्तों को भी रंग से सराबोर किया गया।

रती के बाद भक्तों के साथ खेली होली

पुजारी दिलीप गुरु ने बताया कि रंगपंचमी एकमात्र ऐसा दिन है, जिसमें आरती के दौरान ज्योतिर्लिंग पर सतत रंगधारा अर्पित की जाती है। भस्म आरती के बाद पुजारियों ने भक्तों के साथ होली खेली। शाम को श्री महाकालेश्वर ध्वज चल समारोह के रूप में मंदिर की भव्य गेर निकाली गई।

श्री महाकालेश्वर ध्वज चल समारोह में दिखी देश की विभिन्न संस्कृतियों की झलक

विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर की परंपरा अनुसार रंगपंचमी पर रविवार शाम श्री महाकालेश्वर ध्वज चल समारोह निकाला गया। शाही शान से निकले चल समारोह में देश की विभिन्न संस्कृतियों के दर्शन हुए। चल समारोह में शामिल होने के लिए अमरावती से त्रिशूल करतब दल, नासिक की ढोल पार्टी, पुणे का बैंड उज्जैन पहुंचे थे। विद्युत रोशनी से झिलमिलाती धार्मिक पृष्ठभूमि पर आधारित झांकियों ने नगरवासियों का मन मोह लिया।

कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम व एसपी सत्येंद्रकुमार शुक्ला ने भगवान महाकाल, भगवान वीरभद्र व ध्वज का पूजन किया। इसके बाद चल समारोह की शुरुआत हुई। रंगपंचमी की गेर अनादिकाल से चली आ रही शौर्य की परंपरा का प्रतीक है। इसलिए चल समारोह में सर्वप्रथम शौर्य के प्रतीक ध्वज निशान को शामिल किया जाता है।

इस बार भी ज्योतिर्लिंग का प्रमुख रजत ध्वज तथा राजभवन द्वारा प्रदान किए गए ध्वज के साथ मंदिर के 21 से अधिक ध्वज निशान शामिल थे। महाकाल मंदिर से शुरू होकर चल समारोह कोट मोहल्ला, तोपखाना, दौलतगंज, नईसड़क, कंठाल, सतीगेट, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार गुदरी चौराहा होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगा।

यह थे शामिल

चल समारोह के करीब डेढ़ किलो मीटर लंबे कारवां में अमरावती का त्रिशूल करतब दल, नासिक की ढोल पार्टी, पुणे का प्रमुख बैंड, मलखंब प्रदर्शन करते खिलाड़ी, इंदौर का प्रसिद्ध राजकमल बैंड, बालाजी बैंड, आरके बैंड, गणेश मालवा बैंड आदि शामिल थे।

रोशनी से झिलमिलाती झांकियां

चल समारोह में भगवान वीरभद्र का रथ आस्था का केंद्र रहा। इंदौर की महालोक झांकी खासे आकर्षण का केंद्र रही। बदनावर की श्री कृष्ण लीला व श्री शिव लीला पर आधारित दो झांकियां शामिल थी। बड़नगर की झांकी में भगवान खाटू श्याम के दर्शन हो रहे थे। भगवान महाकाल के सेहरा श्रृंगार की झांकी भी मनोहारी रही।

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