सीधी, भास्कर हिंदी न्यूज़/ संजय टाइगर रिजर्व की बाघिन टी – 32 की करंट में फंसने से मौत हो गई है। इसकी उम्र करीब 4 साल रही है। शिकारियों ने टमसार वन क्षेत्र अंतर्गत राजस्व गांव केरहिया में गोपद नदी के किनारे रेत में दो गड्ढे खोदकर एक में कालर आइडी और दूसरे में बाघिन का शव छिपाया था।
रविवार को रिजर्व दल और डॉग स्क्वाड की सूझबूझ से शव को ढूंढा जा सका। पोस्टमार्टम के बाद बाघिन का दाह संस्कार कर दिया गया। मामले में शामिल दो आरोपितों को गिरफ्तार कर अन्य की तलाश की जा रही है।
संजय टाइगर रिजर्व की बाघिन टी-32 पिछले कई दिनों से बफर जोन में देखी जा रही थी। 10 मार्च की रात करीब 11 बजे आखिरी लोकेशन केरहिया गांव में देखने को मिली थी। इसके बाद लोकेशन नहीं मिलने पर रिजर्व दल का अमला टीम के साथ ढूंढने निकल पड़ा था। रविवार की सुबह गोपद नदी के किनारे रेत में बाघिन का शव मिल गया।
शिकार के लिए लगाया था करंट
पकड़े गए दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने जंगली जानवर के शिकार के लिए बिजली के तार लगाए थे। उनका मकसद बाघ बाघिन का शिकार करना नहीं था। जब बाघिन की करंट लगने से मौत हो गई तो डर के कारण घटनास्थल से करीब 300 मीटर दूर ले जाकर गोपद नदी के किनारे रेत में गड्ढा खोदकर शव को छिपा दिया और घर चले गए।
पहले भी करंट से हो चुकी है मौत
21 नवंबर 2021 को गोपद नदी में ही 12 फीट नीचे बोरे में बंद बाघिन टी 30 का पैर एवं अन्य अंग मिला था। इस बाघिन की भी मौत करंट से हुई थी। 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। घटना 7 और 8 नवंबर की रही है।
इनका कहना है
करंट से बाघिन टी 32 की मौत हो गई है। इसका शव और कालर आईडी गोपद नदी के किनारे रेत में दो अलग-अलग गड्ढे खोदकर छिपा दिया था। दो लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। अन्य की तलाश जारी है। पीएम के बाद शव का दाह संस्कार कर दिया गया है।
अमित दुबे CCF संजय टाइगर रिजर्व सीधी