MP weather alert chance of lightning with thunder minimum temperature decreased: digi desk/BHN/भोपाल(/ मध्य प्रदेश के अनेक जिलों में मौसम ने करवट ली है। अनेक जिलों में बारिश और हवा के कारण मौसम में ठंडक आ गई है। कुछ जिलों में ओले भी गिरे हैं।जानकारी के अनुसार राजधानी भोपाल के साथ ही उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, राजगढ़, विदिशा और छिंंदवाड़ा के साथ ही अन्य जिलों में भी ओलों के साथ बारिश हुई। मंदसौर जिले में कुछ स्थानों पर तो खेतों और हाइवे पर ओलों की चादर बिछी नजर आई। इससे फसलों को नुकसान पहुंचने की बात कही जा रही है।
पहले ही भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर सहित मध्यप्रदेश के 20 जिलों में बारिश होने की मौसम विभाग ने संभावनाएं व्यक्त की थी। वहीं, गरज के साथ बिजली गिरने की संभावना भी जताई है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो 9 मार्च तक मौसम ऐसा ही रहेगा। होली पर बारिश होने की संभावना है। इसके बाद मौसम में और बदलाव होने के आसार हैं।
बारिश के आसार
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के 20 जिलों में बारिश होने की संभावना जताई गई थी । इनमें भोपाल, रायसेन, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, जबलपुर, नरसिंहपुर, कटनी, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर दतिया, श्योपुर, मुरैना और भिंड जिले शामिल हैं। उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रिय है। साथ में दक्षिण-पश्चिम हवाएं मध्यप्रदेश में पहुंच रही हैं। इससे अरब सागर से गर्म और नम हवाएं आ रही हैं। मौसम बदलने से महाराष्ट्र थोड़ा गर्म है। वहां से गर्म और उत्तर से ठंडी हवाएं आ रही हैं। दोनों के मिलने से मध्य भारत में बादल में बन रहे हैं।
आगे भी ऐसा ही रहेगा मौसम
प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में बारिश का दौर शुरू होगा। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, सागर, रीवा, शहडोल और जबलपुर में हल्की बारिश होगी। हमारे यहां अरब सागर से होती हुई आ रही हवा नमी ला रही है। इस वजह से गरज चमक वाले बादल बने और बारिश हुई। भोपाल में 7, 8 और 9 मार्च को बारिश के आसार हैं। 7 मार्च को तेज बारिश के आसार जताए हैं।
दिन-रात के तापमान में आएगी कमी
मौसम बदलने से अधिकतर जिलों में रात के तापमान में कमी आई है। सोमवार को भोपाल में न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। पिछले 24 घंटों में 3.3 डिग्री सेल्सियस की कमी आई है। इसी तरह ग्वालियर में 15.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, यहां एक डिग्री सेल्सियस, जबलपुर में 15.5 डिग्री सेल्सियस यहां 2.2 और इंदौर में 19 डिग्री सेल्सियस रहा, यहां पर 0.5 डिग्री सेल्सियस कम हुआ है।
उपज पर होगा 25 से 40 प्रतिशत का असर
भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान के प्रधान विज्ञानी डा. आनंद विश्वकर्मा ने बताया कि मार्च में कई जिलों में चना, मसूर और गेहूं की फसल कटने लगती है। कुछ जिलों में गेहूं की फसल पकाव पर रहती है। जहां पर चना और मसूर कटकर खेतों में रखा है वहां वर्षा, ओलावृष्टि और तेज हवा-आंधी से अधिक नुकसान हुआ है। जहां फसल कटी नहीं है उसकी गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ेगा। इसी तरह जहां गेहूं की फसल खड़ी है और वहां वर्षा, आंधी और ओलावृष्टि हुई है वहां भी भारी नुकसान हुआ है। इससे फसल की उपज पर 25 से 40 प्रतिशत तक प्रभाव पड़ेगा।