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अयोध्या में मस्जिद की आर्किटेक्ट डिजाइन 15 दिसंबर को होगी रिलीज, जानें बाबरी मस्जिद से किस तरह दिखेगा अलग

babri masjid: ayodhya/ उत्तर प्रदेश के अयोध्या में धन्नीपुर मस्जिद व इसके परिसर की आर्किटेक्ट डिजाइन तैयार हो गयी है. मशहूर आर्किटेक्ट प्रो एस एम अख्तर को रिलीज करना था लेकिन कोविड संक्रमित होने के कारण यह रिलीज नहीं हो सकी अब मस्जिद ट्रस्ट इसकी आर्किटेक्ट डिजाइन 15 दिसंबर को रिलीज करेगी. मस्जिद ट्रस्ट IICF के सचिव अतहर हुसैन ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मस्जिद में गुंबद नहीं रहेंगे.इसमें बाबरी मस्जिद की कोई पहचान नहीं दिखाई देगी. उन्होंने बताया कि प्रो अख्तर इसे ऑनलाइन रिलीज करेंगे.

मस्जिद ट्रस्ट को जमीन पर प्रशासन ने कब्जा दिलवाया

अतहर हुसैन ने बताया कि मस्जिद के लिए धन्नीपुर गांव आवंटित जमीन अभी खाली पड़ी है. इस पर मस्जिद ट्रस्ट को प्रशासन ने कब्जा दिलवा कर मेड बंदी करवा दी थी. इसका जमीनी नक्शा भी तैयार है . पर काम नहीं शुरू हुआ है. गांव प्रधान राकेश यादव कहते हैं हमारा गांव हिंदू मुस्लिम भाई चारे की मिसाल कायम करता है. यहां कभी भी कोई विवाद दोनों कौमों के बीच नहीं हुआ. चाहे वह 6दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस की घटना हो अथवा सुप्रीम कोर्ट का मंदिर के पक्ष में फैसला.

लोग खुश है कि यहां का विकास होगा

अब मस्जिद बनने को लेकर भी लोग खुश हैं कि यह इलाका बड़ा धार्मिक पर्यटन केंद्र बनने जा रहा है. इससे क्षेत्र का विकास होगा. जमीन की कीमते बढेंगी. लोगो को रोजगार मिलेंगे. यादव कहते हैं कि मस्जिद ट्स्ट इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के लोगों ने हमें बताया है कि 15000 वर्ग मीटर इलाके में ही मस्जिद बनेगी बाकी की पांच एकड़ जमीन मे उच्च स्तरीय अस्पताल लाइब्रेरी कल्चरल रिसर्च सेंटर लाइब्रेरी आदि का निर्माण होगा. जो सभी कौम के लिए लाभकारी होगा. हम उसके निर्माण का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

जल्द ही शुरू होगा कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य

दूसरी ओर मस्जिद ट्रस्ट आइआइसीएफ के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को जमीन जनवरी में आवंटित हुई. 28 फरवरी को मस्जिद ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन हुआ. जुलाई में ट्रस्ट की पहली बैठक हुई. उसके बाद वैधानिक तौर पर काम शुरू किया गया. ट्रस्ट का लोगों का कॉपीराइट पंजीकरण करवाया गया. इसके दो बैंक अकाउंट खोले गये. वेबसाइट बन गयी है.

आर्किटेक्ट डिजाइन तैयार

जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के प्रो एसएम अख्तर इसका आर्किटेक्ट डिजाइन तैयार कर लिया है. जिसे 15 दिसंबर तक रिलीज कर दिया जायेगा. उसी के बाद दान संग्रह व मस्जिद कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य शुरू करवाने की योजना है.

इंडो इस्लामिक कल्चर पर फोकस

अतहर के मुताबिक मस्जिद के प्रोजेक्ट को हम राम मंदिर के प्रोजेक्ट से तुलना नहीं करते. राम मंदिर का प्रोजेक्ट बहुत बड़ा है जबकि मस्जिद कॉम्प्लेक्स के प्रोजेक्ट में इंडो इस्लामिक कल्चर पर फोकस किया गया. जिसका प्रोजेक्ट जल्द ही जमीन पर उतारने की तैयारी हमारा ट्रस्ट कर रहा है.

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