Health alert be careful if you eat too much sugar risk of heart disease may increase: digi desk/नई दिल्ली/ अगर आपको अधिक मीठा खाने का शौक है या फिर ऐसा कहें कि आपको इसकी लत हैं एवं इसके बिना रह नहीं पाते तो संभल जाइये। आपको अपनी इस आदत पर अब कंट्रोल करना होगा क्योंकि नए शोध बताते हैं कि अधिक मीठे के शौकीनों को गंभीर रोगों का खतरा रहता है। इनमें दिल की बीमारियों का खतरा अधिक है। एक ताजा अध्ययन में बताया गया है कि मीठे पेय, मिठाई और फलों के रसों में मौजूद मुक्त या अतिरिक्त चीनी से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। मुक्त चीनी वह है जो भोजन या पेय में मिलाई गई होती हैं, या वह चीनी जो पहले से ही शहद व फलों के रस में मौजूद होती है। बीएमसी मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्ष वैश्विक आहार के इस अनुशंसा को मजबूत करते हैं कि कुल दैनिक ऊर्जा में पांच प्रतिशत से कम मुक्त शर्करा होनी चाहिए।
मीठे पेय, फलों के रस और मिठाइयों से बढ़ा जोखिम
उपभोग किए गए कार्बोहाइड्रेट के प्रकारों और स्त्रोतों को देखते हुए शोधकर्ताओं ने पाया कि मीठे पेय, फलों के रस और मिठाइयों जैसे खाद्य पदार्थों से मुक्त शर्करा का अधिक सेवन हृदय रोग के सभी परिणामों के बढ़ते जोखिम से जुड़ा था। शोधकर्ताओं के अनुसार, कुल ऊर्जा में पांच प्रतिशत से अधिक मुक्त शर्करा के सेवन से हृदय रोग का जोखिम सात प्रतिशत अधिक बढ़ा। जबकि कुल ऊर्जा में छह प्रतिशत अधिक शर्करा होने पर स्ट्रोक का जोखिम 10 प्रतिशत अधिक था।
ऐसे किया गया यह अध्ययन
आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यूके बायोबैंक के 1,10,497 प्रतिभागियों के डाटा का विश्लेषण कर कई निष्कर्ष निकाले। उन्होंने लगभग 9.4 वर्षों तक प्रतिभागियों पर नजर रखी। इस दौरान संयुक्त रूप से हृदय रोग और स्ट्रोक 4,188 प्रतिभागियों में, जबकि हृदय रोग 3,138 और स्ट्रोक 1,124 प्रतिभागियों में पाए गए। अध्ययन से पता चला कि कुल कार्बोहाइड्रेट का सेवन हृदय रोग के परिणामों से जुड़ा नहीं था।