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Earthquake: तुर्किये और सीरिया में घातक भूकंपों का कहर, 2600 से अधिक मौतें

World another fresh 7 point 6 magnitude earthquake in southern turkey: digi desk/BHN/ सीरिया/ तुर्किये और सीरिया में घातक भूकंपों के कारण बहुत बड़ी तबाही मच गई है। अब तक 2,600 से अधिक लोग मारे गए हैं। सैंकड़ों अभी भी फंसे हुए हैं, मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। प्रारंभिक भूकंप के बाद 50 से अधिक आफ्टरशॉक्स आए, जिनमें 7.5 और 6-तीव्रता के झटके शामिल थे, जिसने सोमवार दोपहर खोज और बचाव कार्य के बीच क्षेत्र को झटका दिया। भूकंप से सैकड़ों इमारतें ढह गईं। लोग बचने के लिए बर्फीली सड़कों पर जमा हो गए। दक्षिणी तुर्किये और उत्तरी सीरिया में सबसे ज्यादा तबाही हुई।

राहत और बचाव कार्य जारी हैं। हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि बचावकर्मी अभी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं। इससे पहले तुर्किये में वर्ष 1939 में 7.8 की तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिसमें 32 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे।भूंकप का मुख्य केंद्र तुर्किये के गजियांटेप प्रांत में नूरदगी से 23 किलोमीटर दूर पूर्व में रहा। करीब एक मिनट तक भूकंप के झटके महसूस किए गए।

भूकंप के केंद्र से साढ़े पांच हजार किलोमीटर दूर तक झटके लगे। लेबनान में लोगों ने करीब 40 सेकंड तक कंपन महसूस किया और राजधानी बेरूत में लोग घरों से बाहर खुले में निकल आए। तुर्किये के आपदा प्रबंधन के आधिकारिका आंकड़ों के अनुसार भूकंप से देश के 10 प्रांतों में करीब 1100 लोगों की मौत हुई है जबकि 7600 से अधिक लोग घायल हुए हैं। सीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 430 लोगों की इस प्राकृतिक आपदा में जान गई है जबकि करीब 1280 अन्य घायल हुए हैं।

सदी का सबसे विनाशकारी भूकंप

लगभग एक सदी में सबसे शक्तिशाली भूकंप ने सोमवार तड़के तुर्की और सीरिया को दहला दिया, जिससे 1,904 लोगों की नींद में मौत हो गई। इमारतें समतल हो गईं और झटके महसूस किए गए, जो ग्रीनलैंड तक महसूस किए गए थे। सीरिया के राष्ट्रीय भूकंप केंद्र के प्रमुख रायद अहमद ने इसे “केंद्र के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ा भूकंप” कहा। राज्य मीडिया और चिकित्सा सूत्रों ने कहा कि सीरिया के विद्रोही और सरकार-नियंत्रित हिस्सों में कम से कम 783 लोग मारे गए।

तुर्की अब है तुर्किये

तुर्की को अब तुर्किये नाम से जाना जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के नाम परिवर्तन पर औपचारिक मुहर लगाने के बाद इस देश को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसी नाम से पुकारे जाने का रास्ता खुल गया है। संयुक्त राष्ट्र ने ये मुहर 2 जून 2022 को लगाई। शुक्रवार को तुर्किये सरकार ने इसको लेकर जश्न मनाया। तुर्की का नाम बदलकर तुर्किये हो चुका है। पिछले साल जून महीने में ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने मुहर लगा दिया था।

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