MP news private school in madhya pradesh only use books fixed by boards: digi desk/BHN/भोपाल/मध्य प्रदेश के निजी स्कूल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (सीबीएसई), इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (आइसीएसई) और मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) द्वारा तय पुस्तकों से अलग पुस्तकें किसी भी कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल नहीं कर सकेंगे। इसे लेकर सरकार अब सख्ती बरतेगी। यदि अगले शैक्षणिक सत्र (2023-24) में कोई निजी स्कूल निजी प्रकाशकों की पुस्तकें पाठ्यक्रम में शामिल करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं स्कूलों से इसी माह पुस्तकों की सूची मांगी जाएगी, ताकि स्कूल और पुस्तक विक्रेताओं की सांठगांठ से पुस्तकें न बिक सकें।
अभिभावकों पर दबाव बनाने पर होगी कार्रवाई
स्कूल दुकान विशेष से पुस्तकें खरीदने के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाते हैं, तो भी कार्रवाई की जाएगी। नईदुनिया के नौनिहालों पर भारी बस्ते का बोझ अभियान पर संज्ञान लेते हुए स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार ने विभाग के अधिकारियों को निजी स्कूल और पुस्तक विक्रेताओं को लेकर सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। वे कहते हैं कि यह पढ़ाई की गुणवत्ता और सरकारी-निजी स्कूलों के विद्यार्थियों को समान शिक्षा देने का मामला है। हम इसमें समझौता नहीं करेंगे। कोई भी स्कूल हो, पुस्तकें तो वही चलेंगी, जिन्हें चलाने की इजाजत संबंधित बोर्ड देगा। परमार कहते हैं कि स्कूलों का परीक्षा परिणाम घोषित होने के समय भी पूरी निगरानी की जाएगी।
पाठ्य पुस्तक निगम प्रकाशित करेगा किताबें
मैदानी अधिकारियों को इसके निर्देश दिए जा रहे हैं। परमार ने बताया कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र से हमने पांचवीं और आठवीं की परीक्षा बोर्ड कर दी है। इसलिए निजी स्कूल चाहकर भी इन कक्षाओं में निर्धारित से अलग पुस्तकें नहीं चला सकते हैं। ऐसी ही व्यवस्था अगले शैक्षणिक सत्र से पहली से चौथी और छठी से 12वीं कक्षा में भी लागू कर रहे हैं। हम खुद पुस्तकें छापेंगे और पुस्तक विक्रेताओं को उपलब्ध कराएंगे। ताकि वे खुले बाजार में बेच सकें। बता दें कि अभी पाठ्य पुस्तक निगम वही किताबें छापता है, जो सरकारी स्कूलों में निश्शुल्क बांटी जाती हैं।