sports news:भोपाल/ राजधानी के मैदान में एक सवा छह साल का बालक वरेण्यम देश का नामी एथलीट बनने का सपना संजो रहा है। मिसरोद सलैया क्षेत्र की सागर लाइफस्टाइल टावर सोसायटी में रहने वाला वरेण्यम हर सुबह 4:30 बजे से दोड़ने की प्रैक्टिस शुरू करता है। इतनी कम उम्र में हर रोज पांच किलोमीटर की दौड़ करने वाला वरेण्यम मध्य प्रदेश का सबसे कम उम्र एथलीटों में शामिल है। इस खूबी पर अब उसका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। संस्था ने ई-मेल भेजकर रिकॉर्ड की पुष्टि की है। वरेण्यम के पिता राहुल शर्मा बताते हैं कि वरेण्यम पांच किलोमीटर की रन के बाद भी ज्यादा थकता नहीं है और वह खुद अपनी रुचि से हर सुबह दौड़ लगाता है। हर सप्ताह उसकी दौड़ में भी इंप्रूवमेंट हो रहा है। उन्होंने बताया कि वरेण्यम की इस प्रतिभा की जानकारी भी बड़े ही रोचक अंदाज से मिली। भोपाल में जब कोरोना का संक्रमण पीक पर था, तब वरेण्यम की सुरक्षा को देखते हुए उसके घर से निकलने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी थी, जिसके कारण वह मोबाइल पर गेम खेलने का आदी हो गया। करीब एक महीने बाद जब लॉकडाउन में कुछ ढील मिली तो उसे पार्क में घुमाने ले गए तो उसने खेल-खेल में पार्क के दो राउंड लगाए। इसके बाद वरेण्यम की दौड़ का सफर शुरू हुआ। वरेण्यम की मां जयश्री शर्मा बताती हैं कि हर रोज दौड़ की प्रैक्टिस से बेटे की मोबाइल की लत तो छूट ही गई है साथ ही वह अब खाना भी बहुत अच्छे से खाने लगा है। कोरोना काल में घर से बाहर नहीं निकलने पर उसमें जो चिड़चिड़ापन आ गया था वह भी पूरी तरह से खत्म हो गया है।
राहुल शर्मा बताते हैं कि वैसे तो वरेण्यम की दौड़ की प्रैक्टिस में कहीं कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन सही मैदान नहीं मिलने से थोड़ी समस्या हो रही है। सुबह पांच बजे वरेण्यम को बिट्टन मार्केट या भेल के ग्राउंड पर प्रैक्टिस के लिए लेकर जाता हूं। इन दोनों ही मैदानों में सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि बड़ी संख्या में कार सीखने वाले भी सुबह-सुबह आ जाते हैं और वह उसी ट्रैक पर कार चलाते हैं, जिस पर लोग दौड़ रहे होते हैं। इससे दौड़ने में तो दिक्कत होती है और छोटे बच्चे के हिसाब से हमेशा डर भी सताता रहता है। राहुल ने बताया कि बच्चा अब राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के भाग ले रहा है।