Farmers Protest:नई दिल्ली/ नए कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसानों के विरोध के बीच किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच आज पांचवें दौर के चर्चा होगी। वहीं किसान संगठन नए कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द करवाने के लिए अड़े हुए हैं और 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। साथ ही किसानों ने संसद का घेराव करने की भी चेतावनी दी है। वहीं किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा कि आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी। आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, कानूनों को रद्द करने के लिए ही बात होगी।
किसान संगठनों और केंद्र सरकार के मध्य अभी तक चार दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई निराकरण नहीं निकला है। गुरुवार को विज्ञान भवन में लंबी वार्ता में सकारात्मक संकेत मिलने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा दबाव की रणनीति पर आगे बढ़ा। सिघु बॉर्डर पर प्रेस वार्ता में किसान नेताओं ने कहा कि वे तीनों कानूनों को रद्द करने पर ही आंदोलन को समाप्त करेंगे।
किसान संगठनों ने दावा किया है कि विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने भी किसान संगठनों को समर्थन दिया है। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य व किसान नेता हरिदर सिह लखोवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों में बिजली व पराली को लेकर किए गए प्रावधानों को वापस लेने व न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने पर लगभग सहमति दी है। लेकिन हमने कहा कि सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर कृषि कानूनों को रद्द करें,
मोदी सरकार को चौतरफा घेरने की तैयारी
- – 5 दिसंबर को किसान देशभर में मोदी सरकार व कॉरपोरेट घरानों का पुलता फूंकेंगे।
- – 7 दिसंबर को जिन लोगों को केंद्र सरकार से पुरस्कार मिले हैं, वे उसे वापस कर आंदोलन का समर्थन करेंगे।
- – 8 दिसंबर को पूरा भारत बंद रहेगा। इसके बाद टोल प्लाजा को भी एक दिन के लिए फ्री कराया जाएगा। हालांकि इसके लिए उन्होंने निर्धारित दिन नहीं बताया।
सिर से लेकर पैर तक सड़ा हुआ है कानून : हनन्न मौला
बंगाल से आए पूर्व सांसद व ऑल इंडिया किसान सभा के नेता हनन्न मौला ने कहा कि कृषि कानूनों में संशोधन पर बात नहीं बनेगी, क्योंकि पूरा कानून सिर से लेकर पैर तक सड़ा हुआ है। केंद्र सरकार को इसे वापस लेना ही होगा। भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि अगर केंद्र सरकार शनिवार को उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो वे आंदोलन तेज करेंगे। राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने 8दिसंबर को भारत बंद की घोषणा का समर्थन किया है।
द्मश्री अवार्ड वापस करेंगे बाबा सेवा सिंह
इधर पर्यावरण प्रेमी संत बाबा सेवा सिंह ने भी पद्मश्री सम्मान लौटाने का फैसला किया है। उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कहा है कि मौजूदा हालात में पद्मश्री सम्मान रखना किसान हितों को नजरअंदाज करने के समान है। उम्मीद है कि राष्ट्रपति जरूरी कदम उठाएंगे। सेवा सिंह ने पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश व अन्य राज्यों में लाखों की संख्या में पौधे लगाए हैं।