Railway news smoke filled the bogie of shan e bhopal express there was a commotion among the passengers: digi desk/BHN/भोपाल/ नई दिल्ली से भोपाल के बीच चलने वाली शान-ए-भोपाल 12156 भोपाल एक्सप्रेस शनिवार-रविवार की दरमियानी रात रेलवे कर्मचारियों की लापरवाही के कारण दुर्घटना का शिकार हो जातीी। दरअसल ट्रेन के ब्रेक्स की जांच किए बिना ही इसे रवाना कर दिया गया, लेकिन ट्रेन में सफर कर रहे यात्री आकाश सक्सेना की सजगता के कारण बड़ा हादस टल गया।
शनिवार रात 8.40 पर नई दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से भोपाल के लिए रवाना होने के ट्रेन में कुछ जलने की बदबू आई। थोड़ी देर बाद ही जब कोच में धुंआ भर गया तो ट्रेन में सफर कर रहे आकाश ने 139 पर शिकायत कर मामले की जानकारी दी।
इसके बाद रेल इंजीनियरों ने मौके पर पहुंचकर तकनीकी खामी को सुधारा। अधिकारियों ने सजगता के लिए आकाश को धन्यवाद भी दिया। आकाश ने बताया कि गाड़ी की जांच के बाद अधिकारी ने नई दिल्ली पर वायरलेस से बात करते हुए कुछ कर्मचारियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जांच के भोपाल एक्सप्रेस को कैसे चलने की अनुमति दी गई?
100 किमी की यात्रा आकाश की जुबानी
मैं और मेरी बड़ी बहन नई दिल्ली से विदिशा के लिए 12156 भोपाल एक्सप्रेस में सफर कर रहे थे। हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से ट्रेन जैसे ही आगे बढ़ी तो 10 मिनट बाद मुझे कुछ जलने की बदबू आई और बाहर से खिड़की से धुंआ आते दिखा। मैंने अपने एक सहयात्री को बताया तो उन्होंने इसे कोहरा कहते हुए मेरी बात को टाल दिया। मैंने टीटीई को भी इसकी शिकायत की, लेकिन उन्होंने भी मेरी बात पर ध्यान नहीं दिया। बाद में धुंआ धीरे-धीरे बढ़ने लगा और करीब 55 मिनट बाद ऐसे लगा कि जैसे कोई आग लग गई हो और पूरे कोच में धुंआ भरने लगा। गाड़ी की रफ्तार कम होते ही एस-5 और एस-6 कोच के बीच के ज्वाइंट से धुंआ आता दिख रहा था। ट्रेन में जैसे ही ब्रेक लग रहे थे। धुंआ तेजी से गाड़ी के अंदर भर रहा था। मैंने तुरंत ही 139 पर कंप्लेंट की। वहां से मुझसे पूरी तरह से आश्वासन लिया गया। उसके बाद पांच मिनट बाद रेलवे ने टीम को भेजा। मुझे मोबाइल पर फोन कर इसकी जानकारी भी दी गई। ट्रेन रुकते ही मैं सबसे पहले दूसरे कोच में गया। सब जगह स्थिति सामान्य थी। केवल हमारे ही कोच में धुंआ भर रहा था। ट्रेन रुकते ही नीचे देखा तो रेलवे का आठ लोगों का अमला बोगी के नीचे जाकर जांच कर रहा था। अधिकारियों की आपसी चर्चा में पता चला कि गाड़ी के बुश या ब्रेक जाम हो रहे थे। लगभग एक घंटे की मेहनत के बाद अधिकारियों ने गाड़ी को ठीक किया। रेलवे के एक अधिकारी ने समय पर जानकारी देने के लिए मुझे रेलवे की ओर से धन्यवाद दिया और अन्य यात्रियों को भी सफर के दौरान हमेशा सजग रहने की बात कही। कोच में चढ़ते ही सब लोगों ने मेरा जोरदार स्वागत किया।
दो घंटे की देरी से भोपाल पहुंची शान ए भोपाल
तकनीकी खामी के कारण देरी से चली भोपाल एक्सप्रेस रविवार सुबह दो घंटे से ज्यादा की देरी से भोपाल स्टेशन पर पहुंची। ट्रेन प्रतिदिन रविवार सुबह रानी कमलापति स्टेशन पर दो घंटे 10 मिनट की देरी से सुबह 8.30 पर पहुंची। वहीं इसके पहले विदिशा भी एक घंटे 20 मिनट की देरी से पहुंची। इस मामले पर जब भोपाल रेल मंडल के अधिकारियों से बात की गई, तो वो जवाब देने से बचते नजर आए।