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Satna: उपभोक्ता संतुष्टि विद्युत कंपनियों के लिए सर्वोपरिः ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर

जबलपुर में हुई बिजली कंपनियों की समीक्षा


सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विद्युत कंपनियों के मुख्यालय शक्ति भवन में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की समीक्षा की। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि पूर्व की तुलना में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली ट्रिपिंग में काफ़ी कमी आई है। श्रीर तोमर ने कहा कि विद्युत क्षेत्र में उपभोक्ता संतुष्टि सर्वोपरि है और इस विषय पर मैदानी अभियंताओं को विशेष ध्यान देना होगा। समीक्षा बैठक में एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक और कंपनी के चेयरमेन श्री विवेक पोरवाल, पूर्व क्षेत्र कंपनी के प्रबंध संचालक श्री अनय द्विवेदी, कंपनी के चार क्षेत्रों के मुख्य अभियंता और मैदानी अधीक्षण अभियंता उपस्थित थे।
ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी की समीक्षा करते हुए कहा कि ट्रांसमिशन लाइन में ट्रपिंग नियंतत्रित करने के लिए कार्य योजना बना कर कार्य करें। उन्होंने कहा कि ट्रांसमिशन उपलब्धता इसी प्रकार बना कर रखी जाए जिससे कि शासन की मंशानुसार उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति सतत्, निर्बाध व गुणवत्ता रूप से की जा सके। पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक श्री सुनील तिवारी ने कंपनी के कार्यों व भविष्य की योजनाओं का एक प्रजेन्टेशन दिया।

खराब मीटर समय सीमा में बदले जाएं

ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ताओं खासतौर से घरेलू उपभोक्ताओं के परिसर में स्थापित मीटरों की जानकारी लेते हुए कहा कि खराब मीटर एक निश्चित समय सीमा में परिवर्तित किए जाएं जो कि विद्युत वितरण कंपनी और उपभोक्ता दोनों के लिए लाभप्रद है। उन्होंने कहा कि जिन परिसर में मीटर नहीं लगाए गए हैं, वहाँ यह काम शीघ्रता से किया जाए।

बिलों में हो पारदर्शिता

ऊर्जा मंत्री ने विद्युत उपभोक्ताओं को जारी किए जाने वोल बिलों के संबंध में कहा कि किसी भी उपभोक्ता को जारी होने वाले बिलों में पारदर्शिता के साथ उनमें होने वाली विसंगति का समाधान तेजी से किया जाए।

कनिष्ठ अभियंताओं को मेंटेनेंस की गहन जानकारी ज़रूरी

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि मैदानी अभियंता परिणाम पर फोकस करते हुए कार्य करें। उन्होंने कहा कि मैदानी कनिष्ठ अभियंताओं को अपने क्षेत्र के सभी मेंटेनेंस की विस्तृत जानकारी होना ज़रूरी है। कनिष्ठ अभियंताओं को ट्रांसफार्मर एवं लाइनों के मेंटेनेंस की गहन जानकारी होना चाहिए जिससे कि वे उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान त्वरित रूप से कर सकें।

विद्युत सामग्री की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें

ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने कहा कि विद्युत वितरण कंपनी के स्टोर से मैदानी क्षेत्रों में आवश्यक सामग्री को भेजने की एक प्रक्रिया निर्धारित होनी चाहिए। साथ ही विद्युत संबंधी सामग्री की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। मंत्री श्री तोमर ने कहा कि ट्रांसफार्मर के साथ अन्य उपकरणों में लगने वाली सामग्री के मापदंड व एकरूपता उच्च स्तर की हो।
पूर्व क्षेत्र कंपनी के प्रबंध संचालक श्री अनय द्विवेदी ने ऊर्जा मंत्री को जानकारी दी कि प्रत्येक उपभोक्ता के मीटर में क्यूआर कोड लगा दिए गए हैं, जिससे कि मैदानी अभियंता अपने मोबाइल फोन में उपभोक्ता की बिजली लोड संबंधी जानकारी ले सकेंगे।

आयुष के शासकीय चिकित्सालयों में आंतरिक रोगियों के भोजन के लिये देय दर में वृद्धि

प्रदेश में आयुष विभाग के संचालित शासकीय स्वशासी आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी महाविद्यालयों में संचालित आयुष चिकित्सालयों के अंतरंग रोगियों को प्रतिदिन देय भोजन मद की वर्तमान दर में वृद्धि की गई है। अब यह राशि प्रतिदिन देय भोजन मद में 48 रूपये देय होगी। पूर्व में यह राशि 40 रूपये प्रतिदिन देय थी। इस संबंध में आयुष विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया है।

प्राकृतिक आपदा पीड़ित के 5 प्रकरणों में 20 लाख की आर्थिक सहायता

रघुराजनगर अनुभाग के प्राकृतिक आपदा से पीड़ित 5 परिवारों को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। राजस्व विभाग के आरबीसी 6-4 के प्रावधान के अनुसार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मैहर ने पानी में डूबने से मृत्य के 2 प्रकरणों में 8 लाख एवं सर्प काटने से मृत्यु होने पर 12 लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है। इनमें ग्राम भरौली निवासी रामबाई पटेल को पुत्र, धनीराम कोल को पुत्र एवं सोनवारी निवासी कमलभान सिंह को पुत्र की मृत्यु सर्पदंश होने पर प्रत्येक को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है। इसी प्रकार ग्राम बराखुर्द निवासी तेजबली सिंह को पिता की मृत्यु पानी में डूबने से होने पर 4 लाख तथा गोरइया कला निवासी स्व. जगन्नाथ पटेल की मृत्यु पानी में डूबने से होने पर उनके 3 पुत्र रामसुरेश पटेल, गोकुल प्रसाद, रमेश प्रसाद में से प्रत्येक को 1 लाख 33 हजार 333 रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है।

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