Recognize these signs of the body otherwise paralysis may happen: digi desk/BHN//इंदौर/ शरीर के तंत्रिका तंत्र यानी न्यूरोलाजिकल सिस्टम में गड़बड़ी होने पर शरीर इसके संकेत हमें भेजता है। जरूरी है कि हम समय पर इन्हें पहचानें और तुरंत इलाज लें। समय पर इलाज लेने पर न्यूरोलाजिकल गड़बड़ियां पूरी तरह से सुधारी जा सकती हैं। तंत्रिका तंत्र की गडबड़ियों में सबसे प्रमुख है लकवा यानी पक्षाघात। अगर किसी व्यक्ति को अचानक से चलने में दिक्कत होने लगे, आवाज में बदलाव, एक आंख से कुछ देर के लिए दिखाई नहीं दे या मुंह में तिरछापन आ जाए तो यह पक्षाघात के लक्षण हैं।
ऐसे में मरीज को तुरंत इलाज उपलब्ध हो जाए तो वह पूरी तरह से ठीक हो सकता है। इसी तरह किसी व्यक्ति को जिसे पहले कभी सिरदर्द न हुआ हो अचानक से तेज सिरदर्द होने लगे तो यह ब्रेन हेमरेज, ब्रेन ट्यूमर या दिमाग में खून का थक्का जमने का संकेत हो सकता है। इसी तरह से अगर किसी व्यक्ति को अचानक से झटके आने लगे, चेहरा तिरछा हो जाए तो यह मिर्गी हो सकती है।
यह बात वरिष्ठ न्यूरोलाजिस्ट डा.आलोक मांदलिया ने चर्चा में कही। उन्होंने कहा कि तंत्रिका तंत्र की गड़बड़ियां पूरी तरह से ठीक हो सके इसके लिए जरूरी है कि मरीज का इलाज जल्द से जल्द शुरू किया जाए।अक्सर हम तंत्रिका तंत्र द्वारा भेजे गए संकेतों को सामान्य समझने की भूल कर बैठते हैं। यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। जरूरी है कि हम किसी भी संकेत को हल्के में न लें और तुरंत डाक्टर की सलाह लें। लकवा यानी पक्षाघात, ब्रेन हेमरेज या ब्रेन ट्यूमर या मिर्गी जैसी न्यूरोलाजिकल बीमारियां पूरी तरह से ठीक हो सकती हैं।
पक्षाघात होने के तुरंत बाद अगर आप अस्पताल पहुंच जाते हैं तो आपके पूरी तरह से ठीक होने की संभावना उतनी ही अधिक रहती है। डा. मांदलिया ने कहा कि मिर्गी दिमाग में होने वाली गड़बड़ी है। कई बार हम जिसे मिर्गी के लक्षण समझते हैं वह दिमाग में रक्त का थक्का जमने या किसी पुरानी चोट की वजह से भी हो सकता है।