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प्रदेश में खुलेंगी निजी मंडियां, खरीद केंद्र की भी अनुमति, किसान-व्यापारी दोनों को लाभ

private mandi in m.p:भोपाल/ मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार निजी मंडी स्थापित करने की अनुमतियां देगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने वाली सरकारी खरीद की तरह ही व्यापारी भी निजी खरीद केंद्र बनाकर किसानों से फसल खरीद सकेंगे। भंडार गृह, साइलो केंद्रों में भी खरीद करने की अनुमति मिलेगी। इसके लिए डीम्ड अनुमति दी जाएगी। इसमें व्यापारियों को पंजीयन कराना होगा। किसानों के साथ कोई फर्जीवाड़ा न हो, इसके लिए निगरानी और सुनवाई की तगड़ी व्यवस्था रहेगी।

यह प्रविधान सरकार कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 में संशोधन करके लागू करने जा रही है। प्रदेश में केंद्र सरकार के मॉडल एक्ट के तहत मंडी अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया गया था लेकिन यह विधेयक का रूप नहीं ले सका और निश्चित समय अवधि बीत गई।

अब तय किया गया है कि 28 दिसंबर से प्रस्तावित विधानसभा के तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र में संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें केंद्रीय कानून के सभी बिंदु शामिल रहेंगे। इससे किसानों को यह फायदा होगा कि वे कहीं भी अपनी उपज बेच सकेंगे। वहीं, व्यापारियों को मंडियों के बाहर भी खरीद की अनुमति होगी।

केंद्र सरकार ने किसानों को उपज की वाजिब कीमत दिलाने और मंडी आने के चक्कर से मुक्ति दिलाने के लिए नए प्रविधान लागू किए हैं। इसमें कृषि उपज के मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने के कदम उठाए गए हैं। अधिनियम में यह प्रविधान है कि किसान खेत, खलिहान, घर या निजी खरीद केंद्र से अपनी उपज व्यापारी को बेच सकता है। इस व्यवस्था में उसे मंडी या उपार्जन केंद्र में ही फसल बेचने के बंधन से मुक्ति मिलेगी।

जीयन कराकर खरीद नीलामी के माध्यम से खरीद केंद्र और निजी मंडी में करनी होगी। व्यापारी सुविधा के अनुसार उपज खरीदेगा और बेरोकटोक कहीं भी भेजेगा। इसके लिए नाका व्यवस्था खत्म की जा चुकी है। अब तय किया गया है कि मंडी अधिनियम में केंद्र सरकार के कानून के हिसाब से बदलाव करके लागू किया जाएगा। इसमें एक लाइसेंस पर प्रदेश में कहीं भी खरीद करने की पात्रता भी दी जाएगी।

अध्यादेश की जगह लाएंगे विधेयक

स्तावित विधेयक के मसौदे को लेकर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस कृषि और मंडी बोर्ड के अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि किसानों के हित में भाजपा सरकार लगातार कदम उठा रही है। केंद्र सरकार ने क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। प्रदेश में मंडियों को स्मार्ट मंडी में परिवर्तित किया जाएगा। अध्यादेश की जगह विधेयक लाने की तैयारी चल रही है।

संचालक विपणन का पद बनेगा

सूत्रों का कहना है कि प्रस्तावित मंडी अधिनियम में कृषि विभाग के अंतर्गत संचालक विपणन का नया पद बनाने का विचार है। निजी मंडी, निजी खरीद केंद्र और डीम्ड मंडी की अनुमतियां एकल खिड़की व्यवस्था से दी जाएगी। निगरानी व्यवस्था इसी संचालक के अंतर्गत रहेगी।

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