प्लेटफॉर्म टिकट के दाम तय करने का अधिकार भी DRM से वापस लिया गया
Railway Platform Tickets: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ रेलवे मंत्रालय ने रेल से यात्रा करनेवाले आम लोगों को राहत देते हुए प्लेटफॉर्म टिकटों की कीमत में हुई बढ़ोतरी को वापस ले लिया है। अब देश भर में प्लेटफॉर्म टिकटों की कीमत 10 रुपये ही होगी। दरअसल, त्योहारों के समय प्लेटफॉर्म पर बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए देश के कुछ स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट के दाम में 3 से 5 गुना तक बढ़ोतरी कर दी थी। यानी कई बड़े स्टेशनों पर इसकी कीमत 30 से 50 रुपये तक हो गई थी। इससे लोगों में काफी रोष था। त्योहार के मौके पर बड़े-बुजुर्गों को छोड़ने के लिए उनके रिश्तेदारों को प्लेटफॉर्म पर आना ही पड़ता है। ऐसे में बढ़ी हुई कीमतों से रेलवे में सफर करनेवालों से लेकर उन्हें छोड़नेवालों को भी परेशानी हो रही थी। विरोध को देखते हुए रेलवे ने सभी स्टेशनों से कीमतों में बढ़ोतरी को वापस ले लिया है। साथ ही प्लेटफॉर्म टिकट के दाम तय करने का अधिकार भी डीआरएम से वापस ले लिया गया है। बता दें कि 2015 में रेलवे ने यह नियम बनाया था, जिसके तहत मेला, रैली आदि को देखते हुए DRM रेलवे स्टेशनों के प्लेटफॉर्म टिकट के दाम में परिवर्तन कर सकते थे।
त्योहारी सीजन में रेलवे स्टेशनों पर उमड़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल ने प्लेटफॉर्म टिकट के दाम में बढ़ोतरी कर दी थी। और एक प्लेटफॉर्म टिकट के लिए 50 रुपये का भुगतान करना पड़ रहा था। उत्तर रेलवे के 14 जिलों के रेलवे स्टेशनों पर ये दाम बढाए गए थे, जिनमें लखनऊ, वाराणसी, बाराबंकी और अयोध्या कैंट जैसे स्टेशन शामिल थे।
मध्य रेलवे ने भी महाराष्ट्र के कई स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकटों के दाम बढ़ाकर 50 रुपये तक कर दिये थे। इनमें लोकमान्य तिलक टर्मिनस, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, दादर, थाणे, कल्याण और पनवेल स्टेशन शामिल थे। दरअसल मुंबई, दिल्ली सहित देश के अन्य महानगरों में काफी संख्या में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग रहते है। इनमें से बड़ी संख्या में लोग दिवाली-छठ के मौके पर अपने गांव लौटते हैं। ऐसे में रेलवे के इस फैसले को इन्हीं लोगों के खिलाफ कदम माना गया था।