विभिन्न विभागों में खरीदी और निर्माण कार्य को लेकर 14 करोड रुपये का वित्तीय अनियमितता का मामला
रीवा/सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय (टीआरएस) रीवा कॉलेज में पदस्थ तत्कालीन तीन प्राचार्य को वित्तीय अनियमितता किए जाने पर जांच के बाद ईओडब्ल्यू रीवा ने शुक्रवार को जिला न्यायालय रीवा में चालान पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। वर्ष 2018, 19 और 20 में पदस्थापना के दौरान यह अनियमितता की गई थी।कलेक्टर आदेश पर नवंबर वर्ष 2020 में ईओडब्ल्यू में मामला पंजीबद्ध किया गया था।
यह है मामला
ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा में कॉलेज वे विभिन्न विभागों में खरीदी और निर्माण कार्य को लेकर 14 करोड रुपये कि वित्तीय अनियमितता की गई थी। वर्ष 2018 में डॉ रामलला शुक्ला कालेज में प्राचार्य पद पर पदस्थ रहे, वर्ष 2019 में डॉक्टर एसयू खान और डॉक्टर सत्येंद्र शर्मा दोनों ही प्राचार्य रहे। इसके बाद वर्ष 2020 में फिर डॉक्टर रामलला शुक्ला प्राचार्य पद पर पदस्थ हुए। इस दौरान करीब 3 वर्षों में यह घोटाला किया गया। अलग-अलग समय में पदस्थापना के दौरान यह तीनों प्राचार्य घोटाला करते रहे। जिसकी शिकायत कलेक्टर से की गई कलेक्टर ने इस पूरे मामले को ईओडब्ल्यू को सौंप दिया। इस पूरे मामले को ईओडब्ल्यू टीम बारीकी से एक_एक पर जांच किया। जांच के दौरान रामलला शुक्ला, एसयू खान और सत्येंद्र शर्मा तत्कालीन प्राचार्य दोषी पाए गए। इसके अलावा 19 लोगों की जांच की जा रही है। बता दें कि तत्कालीन प्राचार्य एसयू खान और सत्येंद्र शर्मा सेवानिवृत्त हो चुके हैं तो वही रामलला शुक्ला निलंबन के बाद सागर कॉलेज में अटैच है।
इनका कहना है
वित्तीय अनियमितता को लेकर टीआरएस कालेज के तत्कालीन प्राचार्य रामलला शुक्ला, सत्येंद्र शर्मा और एसयू खान सहित 19 लोगों पर मामला पंजीबद्ध किया गया था। इन पर 14 करोड़ घोटाला करने का आरोप था। प्रथम दृष्टया जांच करने पर तीन का चालान पेश किया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
वीरेंद्र जैन, अधीक्षक ईओडब्ल्यू रीवा