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MP Crime: डार्क वेब पर हो रही डील, हैदराबाद से MP में आ रही ड्रग्‍स

MP crime news deal on dark web drugs coming from hyderabad: digi desk/BHN/भोपाल/ राजधानी में पुलिस ने ‘आपरेशन प्रहार’ के तहत बड़े स्तर पर नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए हुक्का, ड्रग्स के कारोबारियों की कमर तोड़कर रख दी, लेकिन अब आनलाइन डार्क वेब के जरिए डील कर युवा पीढ़ी घर बैठे और सुनसान इलाकों में आसानी से ड्रग्स और नशे के सामान की डिलीवरी ले रही है। डार्क वेब के जरिए मादक पदार्थ की सप्लाई सबसे पहले विदेशों में शुरू हुई थी, जो अब प्रदेश के अनेक शहरों में फैल चुकी है। पिछले साल पिपलानी में तत्‍कालीन थाना प्रभारी चैन सिंह रघुवंशी ने ऐसे ही एक प्रकरण में निजी इंजीनियरिंग कॉलेज से तीन छात्रों को गिरफ्तार किया था। आरोपित डार्क नेट के माध्यम से ड्रग एमडी, एलएसडी की खरीदफरोख्‍त करने में लगे हुए थे। भोपाल पुलिस को आशंका है कि शहर में बड़ी संख्या में डार्क नेट के जरिए मादक पदार्थ की सप्लाई हैदराबाद से की जा रही है।

डार्क वेब के जरिए ऐसे करता है सिस्टम काम

डार्क वेब एक ऐसी जगह है, जहां ड्रग्स, हथियार, हैकिंग, टेरर फंडिंग जैसे गैरकानूनी काम होते हैं। साफ्टवेयर एक्सपर्ट अतुल सिंह ने बताया कि हम इंटरनेट दुनिया का सिर्फ 10 प्रतिशत हिस्सा इस्तेमाल करते हैं। इसे सरफेस वेब कहते हैं। बाकी का 90 प्रतिशत हिस्सा डार्क वेब है। ये सर्च इंजन पर लिस्टेड नहीं होता है। डार्क वेब को इस्तेमाल करने के लिए एक खास ब्राउज़र की जरूरत होती है। वीपीएन जैसे टूल्स के साथ लोकेशन बदलकर डार्क वेब पर ड्रग्स के अलावा राकेट लांचर से लेकर परमाणु बम का भी सौदा किया जा सकता है। क्रिमिनल डार्क वेब के जरिए म्यांमार, बांग्लादेश, रूस से लेकर भारत में आनलाइन ड्रग तलाश करने वालों की लिस्ट तैयार करते हैं। संपर्क होने के बाद डील फाइनल होती है। यहां पेमेंट भी बिटकॉइन में होता है।

नेपाल से दिल्ली होकर भोपाल पहुंच रही ड्रग्स

म्यांमार, बांग्लादेश, नेपाल के ड्रग माफिया के लिए एमपी ड्रग डील का बड़ा सेंटर बन चुका है। काल सेंटर की आड़ में डार्क वेब के जरिए यूरोपीय देशों तक ड्रग्‍स पहुंचाई जा रही है। हाल में दिल्ली स्पेशल सेल ने अफगानिस्तानी पैडलर को गिरफ्तार करते हुए पूरे नेटवर्क का खुलासा किया था। कॉल सेंटर से पुलिस ने नशे के लिए इस्तेमाल होने वाली ट्रेमेफ-पी, स्पास्मो प्रोक्सीवोन प्लस जैसी मेडिसिन बरामद की थीं। पूछताछ में पता चला कि ऑर्डर मिलने पर भोपाल में भी ऐसी ड्रग्‍स सप्लाई की जा रही है।

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