Dhanteras 2022 dhanteras on saturday diwali will be celebrated on monday: digi desk/BHN/उज्जैन/ शास्त्रीय मान्यता के अनुसार शनिवार को धनतेरस का पर्वकाल रहेगा। रविवार को मध्याह्न में भगवान धन्वंतरि का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा। सोमवार सुबह रूपचौदस तथा शाम को प्रदोष काल में दीपावली मनेगी। भक्त भगवान कुबेर व माता लक्ष्मी का पूजन कर सकते हैं।
धर्मशास्त्र के जानकारों के अनुसार पांच दिवसीय दीपोत्सव धन त्रयोदशी से भाईदूज तक मनाया जाता है। प्रतिदिन अलग-अलग देवी-देवताओं का पूजन होता है। शास्त्रों में महालक्ष्मी व धन के अधिष्ठात्र देवता भगवान कुबेर के पूजन को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
धनतेरस व दीपावली का पूजन शाम को प्रदोष काल में होता है। जबकि भगवान धन्वंतरि का प्राकट्योत्सव दिन में मध्याह्न काल में मनाया जाता है। इसलिए तिथि की घट-बढ़ को धर्मशास्त्र के निर्दिष्ट नियमों से समायोजित किया गया है।
इसके अनुसार शनिवार को द्वादशी उपरांत त्रयोदशी के संधि काल में शाम को धनतेरस का पूजन होगा। रविवार दोपहर भगवान धन्वंतरि का पूजन किया जाएगा। सोमवार को प्रदोष काल में माता लक्ष्मी का पूजन करना शास्त्र सम्मत रहेगा।
इनका कहना है
तिथि के संधि काल में मनेगा पर्व
इस बार तिथि की घट-बढ़ के कारण दीपोत्सव तिथियों के संधि काल में मनाया जाएगा। शनिवार को प्रदोष काल में धनतेरस, रविवार को दिन में भगवान धन्वंतरि का प्राकट्य उत्सव तथा सोमवार शाम को दीपावली मनाई जाएगी। -पं.अमर डब्बावाला, ज्योतिषाचार्य
शनिवार को धनतेरस मनाना शास्त्रोक्त
दीपपर्व की तिथियों को लेकर श्रद्धालु संशय ना करें, इस बार शनिवार को प्रदोष काल में धनतेरस का पर्व मनेगा। रविवार को दिन के मध्याह्न में भगवान धन्वंतरि की पूजा होगी। सोमवार शाम को दीपावली मनाई जाएगी। –पं. हरिहर पंडया, ज्योतिर्विद
शनिवार धनतेरस, सोमवार को दीपावली
चांगीय गणना व धर्मशास्त्र के मत अनुसार शनिवार को प्रदोष काल में धनतेरस मनाई जाएगी। सोमवार सुबह रूप चतुर्दशी रहेगी तथा शाम को प्रदोष काल में दीपावली मनाई जाएगी। तिथि के संधि काल में दीपोत्सव मनाना शुभ है। -डा. घनश्याम ठाकुर, ज्योतिर्विद