Dengue cases in mp dengue patients increased in madhya pradesh 579 were found in one and a half months: digi desk/BHN/भोपाल/ मध्य प्रदेश में डेंगू के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। डेढ़ माह में 579 मरीज मिले हैं। यह उन मरीजों की संख्या है, जिन्होंने एलाइजा टेस्ट कराया है। कई मरीज निजी अस्पतालों में रैपिड किट से जांच करा रहे हैं, जिनकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग तक नहीं पहुंच रही है। इस साल सबसे ज्यादा 165 मरीज भोपाल में मिले हैं। ग्वालियर में 152, विदिशा में 146 और जबलपुर के 106 मरीज सामने आए हैं। बाकी जिलों में मरीजों की संख्या सौ से कम है। सभी को मिलाकर रोगियों की संख्या सोमवार को एक हजार से ऊपर पहुंच गई है। जनवरी से अगस्त तक डेंगू के 415 मरीज मिले थे। हालांकि, पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष डेंगू मरीजों की संख्या बहुत कम है। 2021 में एक जनवरी से 20 अक्टूबर तक प्रदेश में आठ हजार 818 रोगी मिले थे। इनमें पांच की मौत भी हो गई थी।
मंदसौर में सबसे ज्यादा 1198 और इसके बाद इंदौर में 792 लोग डेंगू की चपेट में आए थे। इस साल मंदसौर में मरीजों की संख्या सिर्फ छह है। जिन जिलों में पिछले साल ज्यादा मामले आए थे वहां लार्वा सर्वे और अन्य गतिविधियां वर्ष भर चलीं, जिससे मरीजों की संख्या कम रही।
रैपिड किट से जांच कर रहे निजी अस्पताल निजी अस्पताल डेंगू की जांच और इलाज में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तय दिशा निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। डेंगू के संदिग्ध रोगी का एलाइजा टेस्ट कराना अनिवार्य है। इसमें संक्रमित पाए जाने पर ही उसे डेंगू माना जाता है, लेकिन पूरे प्रदेश में ज्यादातर निजी अस्पताल रैपिड किट से जांच कर रहे हैं। इसके लिए तीन सौ से लेकर पांच सौ रुपये तक मरीज से ले रहे हैं।
इनका कहना है
सभी जिलों में डेंगू जांच की जा रही है। बड़े जिलों में ज्यादा केंद्र हैं। कुल 65 जगह जांच की सुविधा है। सभी जिलों में सीएमएचओ और जिला मलेरिया अधिकारियों से कहा गया है कि संदिग्धों के सैंपल जांच के लिए भेजें। नियमित तौर पर लार्वा सर्वे कराने को भी कहा है। – डा. हिमाशु जायसवार, उप संचालक, स्वास्थ्य संचालनालय