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Mumbai: दशहरा रैली के बहाने असली शिवसेना की लड़ाई, CM शिंदे ने कसा तंज

Maharashtra Power Politics: digi desk/BHN/मुंबई/ दशहरा के मौके पर मुंबई में आज ‘असली शिवसेना किसकी?’ इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश हो रही है। मुंबई में पहली बार दशहरा के मौके पर शिवसेना की दो रैलियां आयोजित की गई हैं। उद्धव ठाकरे गुट, शिवाजी पार्क में दशहरा रैली का आयोजन कर रहा है, तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गुट बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में रैली करने जा रहा है। दोनों ही गुट ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाकर साबित करने की कोशिश रहे हैं कि असली शिवसेना उन्हीं की है। आपको बता दें कि शिवसेना पार्टी का नाम और निशान किस गुट को मिलेगा, इस पर चुनाव आयोग फैसला लेनेवाला है। तब तक दोनों ही गुट दावा कर रहे हैं कि असली शिवसेना उन्हीं की है।

उधर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पर उद्धव ठाकरे के दावे को खारिज करते हुए एक ट्वीट किया है। सीएम ने इसमें किसी का मान नहीं लिया, लेकिन हरिवंशराय बच्चन की कविता के माध्यम से परिवारवाद पर तंज कसा।

राजनीतिक स्थिति

वर्तमान में शिवसेना के 55 में से 40 विधायक और पार्टी के 18 सांसदों में से 12 शिंदे गुट में हैं। यही वजह है कि एकनाथ शिंदे गुट असली शिवसेना होने का दावा कर रहा है। वहीं उद्धव ठाकरे अपने पिता के नाम पर पार्टी और निशान पर अधिकार का दावा कर रहे हैं। पार्टी के चिन्ह को लेकर उठा विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था, लेकिन 27 सिंतबर को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने उद्धव ठाकरे की अर्जी खारिज करते हुए कहा था कि शिवसेना के नाम और निशान पर अधिकार को लेकर फैसला निर्वाचन आयोग करेगा।

दो रैलियां

शिवसेना अपनी स्थापना के समय से ही यानी 1966 से ही शिवाजी पार्क में दशहरा रैली का आयोजन करती रही है। इस बार ये टकराव का मुद्दा बन गया था कि शिवाजी पार्क में किस गुट को रैली करने का अधिकार मिले। मामला कोर्ट तक जा पहुंचा। आखिरकार शिंदे गुट ने कदम पीछे खींच लिए, और शिवाजी पार्क में ठाकरे गुट ही दशहरा रैली कर रहा है। लेकिन शिंदे गुट ने भी दशहरा रैली का फैसला बरकरार रखा और शिवाजी पार्क के बजाय बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के एमएमआरडीए मैदान में दशहरा रैली का आयोजन कर लिया। आपको बता दें कि एमएमआरडीए मैदान, ठाकरे परिवार के निजी निवास ‘मातोश्री’ के पास ही स्थित है। अब दोनों की पक्ष ज्यादा भीड़ जुटाकर साबित करने में लगे हैं कि असली शिवसेना उन्हीं की है, क्योंकि जनता उनके साथ है।

 

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