भक्तों के भाव को पढ़ लेती है मां
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मां शारदा देवी मंदिर के पुजारी नितिन पांडे ने बताया कि मानव अपने जीवन को सरल बनाने का एक सबसे बड़ा माध्यम है भक्ति का और भक्ति से मिलने वाली शक्ति से मानव जीवन का कल्याण होता है। मैहर में त्रिकूट पर्वत पर विराजमान मां शारदा यहां आने वाले भक्तों के मन को पढ़ने वाली देवी है जो यहां आने वाले श्रद्धालु भक्तों की मनोकामना मन की इच्छा को पूरी करती हैं और इसी का कारण है कि लोग इतनी अधिक मात्रा में माता के प्रति आस्था और विश्वास के साथ यहां पर माता के जयकारे लगाते हुए पहाड़ों पर चढ़कर दर्शन करने आते हैं। विद्या और बुद्धि की देवी मां शारदा सरस्वती रूप में मैहर में विराजमान है जीवन में यश कीर्ति वैभव बुद्धि एवं धनलक्ष्मी में बरक्का देने वाली माता की आराधना से ही यह पुण्य लाभ भक्तों को मिलता है।
नितिन पांडे ने बताया कि पिछले कई पीढ़ियों से उनका परिवार मां शारदा की सेवा में निरंतर लगे हुए हैं और इस सेवा के दौरान कई ऐसे चमत्कार देखे गए जिनकी कोई गिनती नहीं है, और अद्भुत चमत्कारों में साक्षात प्रमाण बने हैं पुजारी परिवार के धीरज पांडे। धीरज पांडे एवं उनका परिवार अनवरत श्रद्धालुओं के रुकने की निशुल्क व्यवस्था तथा प्रातः 8:00 बजे से लेकर रात्रि 12:00 बजे तक निशुल्क भोजन प्रसाद की व्यवस्था माई की रसोई के माध्यम से निरंतर संचालित कर रहा है। मैहर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर रुकने के लिए निशुल्क व्यवस्था स्टेट बैंक चौराहे पर होटल सरगम चोपड़ा कांप्लेक्स में माई की रसोई की स्थापना की गई है इसके अतिरिक्त रोक पर कंपाउंड में प्रातः सुबह 6:00 बजे से लेकर रात्रि 9:00 बजे तक माता का भोग प्रसाद खिचड़ी का वितरण भी निरंतर किया जा रहा है।
महागौरी की पूजा का महत्व
मंदिर के पुजारी ने बताया कि नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि महागौरी की पूजा करने से शारीरिक व मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है। महागौरी की पूजा से धन, वैभव व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
अष्टमी के दिन कन्या पूजन का महत्व
मंदिर के पुजारी नितिन पांडे ने बताया कि नवरात्र पर्व पर दुर्गाष्टमी या महाष्टमी के दिन कन्याओं की पूजा की जाती है। जिसे कंचक भी कहा जाता है। इस पूजन में नौ साल की कन्याओं की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि महागौरी की उम्र भी आठ साल की थी। कन्या पूजन से भक्त के पास कभी भी कोई दुख नहीं आता है और मां अपने भक्त पर प्रसन्न होकर मनवांछित फल देती हैं।